बिलासपुर

किसान नेता राकेश टिकैत ने हसदेव अरण्य को लेकर केंद्र सरकार से मुंह बिचकाया, तो किसान नीति को लेकर प्रदेश सरकार को दी शाबाशी

Advertisement

बिलासपुर—किसानों के राष्ट्रीय नेता राकेश सिंह टिकैत ने बिलासपुर में हरदेव अरण्य को बचाने की आड़ में केंद्र सरकार पर हमला बोला वहीं छत्तीसगढ़ सरकार की किसान नीति की तारीफ कर दी। अल्प प्रवास पर बिलासपुर पहुंचे। हसदेव क्षेत्र भ्रमण के बाद सीधे कोन्हेर गार्डन पहुंचे। किसान नेता ने हसदेव बचाने को लेकर 277 दिनों से प्रदर्शन कर रहे प्रतिनिधियों को संबोधित किया। आंदोलन को समर्थन कर खुद को आंदोलनकारी नेता बताया। टिकैत ने कहा यदि जनता नही चाहती है तो भारत सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि क्षेत्र से कोयला के लिए जंगल को नहीं काटा जाए। सवाल भी किया कि जब एक पेड़ काटता है तो एनजीटी नोटिस थमा देता है। यहां तो पूरा जंगल काटा जा रहा है..एनजीटी चुप है। टिकैत ने बताया जंगल को बचाना जरूरी है। इस दौरान उन्होने छ्तीसगढ़ सरकार की किसान नीति को अच्छा बताया। धान खरीदी फार्मूला को देश स्तर पर लागू किए जाने की बात कही।

Advertisement
Advertisement

पत्रकारों से बातचीत के दौरान किसान नेता टिकैत ने बताया कि यदि दिल्ली में किसानों का आंदोलन नहीं होता तो आज देश की जमीन पूंजीपतियों के हाथ में होती। बजट में किसानों को स्थान नहीं मिलने के सवाल पर बताया कि आजादी की लड़ाई 90 साल तक लड़ी गयी। हम भी किसान हितों के लिए लड़ेंगे। यदि हमने दिल्ली नहीं घेरा होता तो कोविड की तरह पूरा देश सरकार की नीतियों से बीमार हो जाती।

Advertisement

सवाल जवाब के दौरान किसान नेता ने बताया कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार किसान के लिए अच्छा काम कर रही है। ढाई हजार रूपए प्रति क्विटंटल धान खरीदी फार्मूला पूरे देश में लागू होना चाहिए। प्रदेश सरकार की किसान नीति बहुत कुछ अच्छी है। हां कहीं कहीं प्रदेश सरकार केन्द्र सरकार के दबाव में भी है। आने वाले समय में हम दिल्ली में ट्रैक्टर के साथ बड़ा आंदोलन करेंगे। किसानों की हित के लिए लड़ेंगे।

Advertisement

क्या राष्ट्रीय सरकार को घेरने के लिए देश का दौरा किया जा रहा है। आंदोलन के दौरान साल 2024 में सरकार बदलने का एलान भी किया था। उत्तर प्रदेश को तो बचा नहीं पाए। टिकैत ने बताया कि साल 2024 के बाद कलम के साथ क्या कुछ होगा..देखने को मिल ही जाएगा। हम आंदोलनकारी हैं..हमें चुनाव से कोई लेना देना नहीं। केन्द्र सरकार के खिलाफ कब आंदोलन छिडेगा हमे नही पता है। टिकैत ने बताया कि युवाओ में परिवर्तन आ गया है। साल 2014 में उनकी भाषा कुछ और थी…और आज का युवा कुछ और बोलने लगा है। दुनिया में परिवर्तन वैचारिक क्रांति के साथ आती है। हम इसी क्रांति के साथ परिवर्तन लाएंगे। टिकैत ने बताया कि दो करोड़ नौकरी की बात हुई थी..युवाओं को अग्निवीर मिला। 15 लाख रूपए देने की बात की जगह पांच किलो अनाज बांटा जा रहा है। नौकरी और पन्द्रह लाख पर अब चर्चा नहीं होती है।

टिकैत ने जोर देकर कहा इस समय कलम और कैमरा पर बंदूक का पहरा है। यदि किसी को दिखाने की हिम्मत हो तो दिखाए। बिना पार्टी का नाम लिए टिकैत ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सरकार ओरिजनल में सिर्फ 110 सीट ही मिली है। वह लोग देश का कानून नहीं मानते हैं। और ना ही चुनाव आयोग पर विश्वास ही करत हैं। जल्द ही परिवर्तन होगा..।

महेन्द्र सिंह टिकैत अच्छे किसान नेता या राकेश टिकैत।..सवाल के जवाब में राकेश टिकैत ने बताया कि महेन्द्र सिंह टिकैत बहूत बड़े नेता है। साढ़े तीन सौ बार जेल की यात्रा कर चुके हैं। हम तो गिने चुने बार ही जेल गए हैं। उन्होने प्रतिप्रश्न पर बताया कि आंदोलनकारियों के लिए जेल यात्रा ही सफलता तय करती है।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button