छत्तीसगढ़

ईडी ने अनवर ढेबर अरुणपति त्रिपाठी और अनिल टुटेजा से 121 पॉइंट 87 करोड़ की 119 अचल संपत्ति अटैच की

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(शशि कोन्हेर) : ED ने छत्तीसगढ़ राज्य में शराब घोटाला मामले में बड़ा खुलासा किया है। सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से जारी की गई आधिकारिक जानकारी में कहा गया है कि अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और अफसर अनिल टुटेजा से 121.87 करोड़ की 119 अचल संपत्ति अटैच की गई है। शराब घोटाला मामले में अब प्रदेश में कुल 180 करोड़ रु की संपत्ति अटैच की जा चुकी है। इसमें कैश, एफडी भी होल्ड किए गए हैं।

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ईडी की ओर से दी गई जानकारी।
15 मई को ईडी ने कहा था कि शराब घोटाले में जेल में बंद कारोबारी अनवर ढेबर से जुड़ी जांच रायपुर, भिलाई और मुंबई में की गई। परिणामस्वरूप नवा रायपुर में 53 एकड़ भूमि मिली इसकी कीमत करीब 21.60 करोड़ रुपये बताई गई। ये अनवर ढेबर द्वारा ज्वाइंट वेंचर के रूप में इस्तेमाल की गई थी। 20 लाख रुपये की नकदी और कई आपत्तिजनक दस्तावेज मुंबई में मिले थे। 1 करोड़ के बेहिसाब निवेश की जानकारी भी मिली। ये निवेश अरविंद सिंह और उनकी पत्नी पिंकी सिंह के साथ किए गए थे। ईडी ने त्रिलोक सिंह ढिल्लों की 27.5 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट फ्रीज कर दी थी। 28 करोड़ रुपये के आभूषण भी जब्त किए थे।

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IAS अफसर और विधायक की प्रॉपटी हो चुकी है अटैच
9 मई को ED ने प्रॉपर्टी अटैच करने की एक और कार्रवाई की थी। ये मामला कोल लेवी वसूली का है। इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए ईडी की तरफ से ट्विटर पर लिखा गया कि प्रदेश में 90 चल अचल संपत्तियों को अटैच किया गया है। जिनमें लग्जरी गाड़ियां, ज्वेलरी और नगद शामिल है। कुल 51. 40 करोड़ की संपत्ति को बरामद किया गया है।

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यह बरामदगी आईएएस रानू साहू, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, विधायक चंद्र देव राय के पास से की गई है। यह कोल एक्सटॉर्शन स्कैम से जुड़ा हुआ मामला है। ईडी की तरफ से कहा गया है कि इस मामले में अब तक 221.5 करोड़ के आसपास की संपत्ति अटैच की जा चुकी है। हालांकि इस कार्रवाई के बाद संपत्ति अटैच करने पर विवाद भी
भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव ने ईडी की ओर से की गई कार्रवाई के संबंध में कहा है कि उन्हें उनकी संपत्ति जब्त करने की जानकारी ईडी के ट्विटर हैंडल से मिली है। जब उनके वकील ने ईडी के अफसरों से बात की तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई, जबकि ईडी के ट्विटर हैंडल द्वारा अलग जानकारी दी जा रही है। इस तरह ईडी भ्रमित करने का काम कर रही है। देवेंद्र यादव ने ईडी को चुनौती दी है कि अगर उनकी संपत्ति जब्त या अन्य कोई कार्रवाई करना है या उनसे पूछताछ करनी है तो वह खुलकर करें सबके सामने करें। वो ED के दबाव में आने वालों में से नहीं हैं।

ईडी जब किसी संपत्ति को अटैच करती है तो प्रिवेंसन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत करती है। कहा जा सकता है कि प्रापर्टी अटैचमेंट काले धन या धन की अनियमितता में कार्रवाई की शुरुआती प्रक्रियाओं में तब होती है, जब ईडी के पास ऐसा करने के समुचित कारण मौजूद होते हैं। इसके बाद संबंधित मामले की जांच होती है।

फिर ये मामला अदालत में जाता है, जहां इस पर कार्रवाई शुरू होती है. लेकिन ईडी जब कोई प्रापर्टी अटैच करती है तो उसका मतलब ये नहीं होता कि उसका इस्तेमाल नहीं हो सकता। उसका व्यक्तिगत या कामर्शियल इस्तेमाल हो सकता है, बस उसकी खरीद फरोख्त या उस संपत्ति का किसी के नाम पर ट्रांसफर नहीं हो सकता।

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