बिलासपुर

मारपीट से हुई ड्राइवर क़ी मौत, पीएम रिपोर्ट से हुआ खुलासा,सिविल लाइन पुलिस कह रही पोस्टमार्टम रिपोर्ट की कराएंगे क्यूरी….

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बिलासपुर – किसी भी जांच रिपोर्ट में क्यूरी कराने के नाम पर धारा लगाना और काटना सिविल लाइन थाने का धंधा बन चूका है. हम ऐसे तीन मामलों क़ी बात कर रहे है जिसमे सिविल लाइन पुलिस क़ी भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है. पहला मामला हिस्ट्रीशिटर संजू त्रिपाठी का है.यहाँ सिविल लाइन पुलिस ने हिस्ट्रीसीटर संजू त्रिपाठी के खिलाफ दर्ज 307 क़ी धारा हटा दी थी. इसका खुलासा संजू त्रिपाठी के हत्याकांड के बाद प्रकाश मे आया था.

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मामले में आईजी बद्री नारायण मीणा ने संज्ञान लेते हुए जाँच के आदेश दिये थे.वही दूसरा मामला सरकंडा निवासी शक्ति सिंह ठाकुर का है. इसमें भी सिविल लाइन पुलिस ने घटना के 8 महीने बाद मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आरोपी शक्ति सिंह ठाकुर के मामूली मारपीट के प्रकरण में धारा 307 जोड़ा था.

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शुरू से ही इस मारपीट के मामले में सवाल खड़े हो रहे थे, लेकिन सिविल लाइन पुलिस ने 8 महीने बाद आई मेडिकल रिपोर्ट की क्यूरी तक नहीं कराई, और प्रकरण में धारा 307 जोड़कर निर्दोष को जेल भेज दिया, बाद में पता चला कि वह मेडिकल रिपोर्ट ही फर्जी है. बाद मे फर्जी मेडिकल रिपोर्ट मामले में सरकंडा पुलिस ने अपराध दर्ज किया था.

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सिविल लाइन पुलिस चाहती तो शक्ति सिंह ठाकुर के मामले में 8 महीने बाद आई मेडिकल रिपोर्ट की क्यूरी करा सकती थी लेकिन, पुलिस क़ी ऐसी क्या मजबूरी थी कि बिना जांच किए प्रकरण में इतनी गंभीर धारा जोड़ दी गई.

तीसरा मामला पांच फरवरी का है, जहाँ अमेरी चौक के पास ड्राइवर केजऊ उर्फ गोवर्धन यादव की संदिग्ध परिस्थितियों मे मिली लाश का है.यहाँ मामला शुरू से ही हत्या का लग रहा था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी शरीर में आई गंभीर चोट के कारण मौत होना बताया गया है. लेकिन उसके बाद भी सिविल लाइन पुलिस अब तक मर्ग जाँच ही कर रही है. जबकि केजऊ उर्फ़ गोवर्धन यादव की पत्नी मीनाक्षी यादव ने अपने पति के मौत को हत्या बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की थी.

मृतक पिछले 15 साल से बरसैया ट्रेडर्स के मालिक के यहां ड्रायवर का काम करता था। मृतक की पत्नी का आरोप था कि केजऊ की हत्या के बाद मालिक के घर से कोई पूछने भी नहीं आया। जबकि हत्या की रात्रि केजऊ अपने मालिक के यहां आयोजित शादी की सालगिरह पर गया था। जोरापारा निवासी केजऊ यादव की विधवा पत्नी मीनाक्षी ने वरिष्ठ अधिकारियों से गुहार लगाई कि पांच फरवरी की रात्रि अमेरी चौक में उसके पति की हत्या हुई है।

वही मीनाक्षी ने पुलिस पर मामले को दबाने का आरोप लगाया था. अब जब मेडिकल रिपोर्ट आ गई है उसके बाद भी सिविल लाइन पुलिस उस रिपोर्ट की क्यूरी कराने की बात कह रही है. जिसके कारण सिविल लाइन पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे है. वह कौन है जो पुलिस की कार्रवाई को रोक रहा है.घटना दिनांक को मृतक केजऊ के पूरे पीठ पर मारने पीटने का निशान पाया गया। कान भी कटा था।

सिर पर चोट का गहरा निशान भी पाया गया था, घटना स्थल के आसपास स्थित सीसीटीवी का फुटेज भी है । इसमें अमेरी चौक में देर रात्रि पार्टी से लौटते समय एमजी हेक्टर गाड़ी को रोककर उसके पति को दो लोगों ने बाहर निकाला। फुटेज में मृतक केजऊ को भागते हुए देखा गया। बाद में वह नाली में गिरा..फिर कभी नहीं उठा।वह कौन लोग थे जो एमजी हैक्टर मे बैठे थे जिन्होंने ड्राइवर केजऊ को बाहर निकाला,और उसकी मौत हो गयी.पीएम रिपोर्ट के बाद माना जा रहा है क़ी आने वाले दिनों मे सिविल लाइन पुलिस आरोपियों का चेहरा बेनकाब करेंगी.

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