डीजे संचालकों को सशर्त मिली अनुमति, निर्धारित ध्वनि में 2 दिन बजाने की छूट….
(दिलीप जगवानी) : बिलासपुर – आखिरकार साउंड सर्विस संघ की मांग पर सहमति बन गई। डीजे संचालकों का लगातार दबाव देखते हुए प्रशासन ने ध्वनि यंत्रों के बजाने की सशर्त अनुमति दी है।
सोमवार को आर पार का मूड अख्तियार कर शहर के साउंड सर्विस संचालक अपना साजो सामान वाहनों में लेकर कलेक्ट्रेट आ पहुचे। इससे नेहरू चौक से लेकर मुंगेली नाका तक वाहनो की लंबी कतार लगी रही। संघ के पदाधिकारियों की मांग पर चर्चा के लिए सामने आए डिप्टी कलेक्टर एन पी गबेल और एसड़ीएम देवेंद्र पटेल से कुछ देर चर्चा के बाद फाइनल डिसीजन के लिए एक प्रतिनिधि मंडल के साथ दोनों अधिकारी अतिरिक्त कलेक्टर बी एस उइके के पास आये। यहां उनके कार्यालय में 20 मिनट में बात बन गई। निर्णय होने के बाद बाहर आये डिप्टी कलेक्टर एन पी गबेल ने बताया माननीय सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के डीजे और दूसरे साउंड उपकरणों के लिए तय नियम के अनुसार ही शहर में इसकी अनुमति देने पर सामंजस्य बना है। उन्होंने बताया गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन और दूसरे सार्वजनिक उत्सव पर कम वॉल्यूम में संगीत बजाने की सशर्त अनुमति जिला प्रशासन ने दी है।
मांग पूरी होने पर साउंड सर्विस संचालकों ने राहत की सांस ली। कोरोना संक्रमण के कारण डेढ साल से सार्वजनिक आयोजन नही हुए। इससे संचालकों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। इसके कमजोर पड़ने के बाद साउंड और डीजे संचालकों को व्यवसाय के पटरी पर आने की उम्मीद बंधी है। यही कारण है कि वो संचालन की अनुमति देने जिला प्रशाशन से बार बार निवेदन कर रहे थे लेकिन कोविड गाइड लाइन का हवाला देकर मांग अनसुनी कि जा रही थी। आखिरकार पूरा जोर लगाया तो प्रशासन को मानना ही पड़ा। हालांकि प्रशासन ने 85 डेसिबल के अधिकतम निर्धारित नियम का सख्ती से पालन करने कहा है। गणेश विसर्जन के लिए दो दिन की छूट इस अनुमति में शामिल हैं।