डीजल, पेट्रोल की कीमतों को लेकर कांग्रेस पर, भाजपा ने साधा निशाना.. कांग्रेस शासित राज्यों में कीमतें कम करने, सोनिया गांधी से की, हस्तक्षेप की मांग
(शशि कोन्हेर) : नई दिल्ली – पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर मोदी सरकार के खिलाफ लगातार हमला बोलने वाली कांग्रेस अब खुद भाजपा के निशाने पर आ गई है। केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद भाजपा और राजग शासित राज्यों में वैट (मूल्य वर्धित कर) में कमी की तर्ज पर कांग्रेस शासित राज्यों में भी कटौती के लिए भाजपा ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से हस्तक्षेप की मांग की है। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने राहुल गांधी के ‘पाकेटमार सरकार’ के ट्वीट पर तंज कसते हुए कहा कि असल में खुद कांग्रेस पाकेटमार की पर्याय बन गई है।
भाजपा के निशाने पर विपक्षी
भाजपा प्रवक्ता के अनुसार, कांग्रेस के नेता पेट्रोल और डीजल की कीमतों का मुद्दा उठा रहे थे। यहां तक कि राहुल गांधी भी लगातार इस मुद्दे को जोश और जज्बे के साथ उठाते रहे थे। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या राहुल गांधी उसी जज्बे और जोश के साथ कांग्रेस शासित राज्यों के साथ-साथ दिल्ली और बंगाल सरकार को भी घेरेंगे।
राजनीति करने का लगाया आरोप
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की चुप्पी से साफ है कि उनका मकसद जनता को राहत देना नहीं था, बल्कि सिर्फ राजनीति करना था। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करने की सलाह देते हुए उनसे कांग्रेस शासित राज्यों में पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की।
भाजपा शासित राज्यों का हवाला दिया
कांग्रेस को जेबकतरों की पर्याय बताते हुए गौरव भाटिया ने कहा कि पेट्रोल पर महाराष्ट्र में 31.19 रुपये और राजस्थान में 32.19 रुपये का वैट है। वहीं भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में 21.86 रुपये और उत्तराखंड में 20.46 रूपये का वैट है। उन्होंने कहा कि इससे साफ हो जाता है कि कौन सी सरकार जनता के साथ लूट खसोट कर रही है। भाजपा प्रवक्ता ने पेट्रोल-डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर हैरानी जताई है। दरअसल गहलोत ने कहा कि केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कमी से राज्य के हिस्से अपने आप कम हो जाते हैं। गौरव भाटिया ने कहा कि केंद्रीय उत्पाद शुल्क का 42 % हिस्सा हो जाता है लेकिन उस समय कांग्रेस इसे मानने की बजाय केंद्र पर हमला करने में लगी थी। कर्नाटक में मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने कहा कि कर्नाटक की इतिहास में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में एक साथ 7 रुपय की कमी कभी किसी ने नहीं की। जबकि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने केंद्र सरकार से राज्यों की जीएसटी क्षतिपूर्ति जारी करने की मांग की ताकि ए पेट्रोल डीजल पर वैट कम कर सकें।