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दिल्ली सेवा बिल को राष्ट्रपति से मंजूरी, सरकार ने जारी कर दी अधिसूचना….अब एलजी होंगे बॉस

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(शशि कोन्हेर) : दिल्ली सेवा विधेयक संसद से पास होने के बाद अब कानून भी बन गया है। महामहिम राष्ट्रपति ने इस विधेयक को मंजूरी दे दी है। भारत सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करके राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) कानून 2023 को लागू भी कर दिया है। इस कानून को 19 मई से ही लागू माना जाएगा। इससे पहले सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को किनारे करने के लिए अध्यादेश लाई थी।

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इस कानून के लागू होने के बाद अब दिल्ली सरकार के प्रशासन में बदलाव नजर आएगा। बता दें कि अब अधिकारियों के तबादले और अनुशासन से संबंधित फैसले सिविल सर्विसेज प्राधिकर लेगा। वहीं विधानसभा सत्र बुलाने के लिए भी दिल्ली सरकार को उपराज्यपाल से मंजूरी लेनी होगी।

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बता दें कि इस विधेयक के विरोध में पूरा विपक्ष खड़ा था। अरविंद केजरीवाल ने इस विधेयक को ही 2024 का सेमीफाइनल बताया था। लोकसभा में तो सरकार का बहुमत था इसलिए आसानी से बिल पास हो गया। पेच राज्यसभा में फंसने वाला था जो कि बीजेडी और वाईआरएस कांग्रेस के सरकार के साथ आने से आसान होगा। राज्यसभा में विपक्ष ने हंगामा किया लेकिन गृह मंत्री ने इसे पेश किया और पास भी करवा लिया। अब यह विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी केबाद कानून बन गया है जो कि पहले से लागू अध्यादेश की जगह ले रहा है।

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यह बिल नेशनल कैपिटनल सिविल सर्विस अथॉरिटी के गठन से संबंधित है जो कि अफसरों की ट्रांसफर, पोस्टिंग और अनुशासन से संबंधित फैसले लेगी। इस अथॉरिटी के चेयरमैन मुख्यमंत्री होंगे। इसके अलावा उसमें मुख्य सचिव और गृह सचिव भी होंगे। यह अथॉरिटी पब्लिक ऑर्डर के अलावा अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग की सिफारिश करेगी। अंतिम फैसला उपराज्यपाल लेंगे। किसी भी मतभेद की स्थित में उपराज्यपाल का ही फैसला मान्य होगा।

दिल्ली महिला आयोग जैसे आयोगों और बोर्ड में भी नियुक्त का फैसला यही अथॉरिटी लेगी। अगर सरकार का कोई फैसला आपत्तिजनक लगता है तो इसपर सचिव भी ऑब्जेक्शन कर सकते हैं। वहीं विभाग के सचिव अब प्रभारी मंत्री के फैसले पर भी रोक लगा सकते हैं।

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