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आज लोकसभा में पेश होगा दिल्ली अध्यादेश वाला बिल.. क्या है विवाद की वजह…?

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(शशि कोन्हेर) : संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू हुआ लेकिन मणिपुर मुद्दे की वजह से ज्यादा कार्यवाही नहीं हो पाई। अब सोमवार से नया हफ्ता शुरू हो रहा है और इस दौरान संसद में और अधिक हंगामे की उम्मीद है।

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ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली सेवा अध्यादेश सोमवार को सदन में लाया जा रहा है। पहले इस बिल पर चर्चा होगी। आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने सभी विपक्षी दलों से बिल का विरोध करने का अनुरोध किया है।

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कांग्रेस ने भी किया है अध्यादेश का विरोध

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के खिलाफ एकजुट विपक्ष के लिए एक मुद्दा बन गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने अध्यादेश के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल भी अध्यादेश के विरोध में उतर आए हैं।

बता दें कि विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी, सौगत रॉय, ए राजा, एनके प्रेमचंद्रन औ डीन कुरियाकोस ने बिल पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है। दिल्ली अध्यादेश के जरिए केंद्र सरकार ने दिल्ली में ग्रुप A के अधिकारियों के तबादले और अनुशासनात्मक कार्रवाई का अधिकार उपराज्यपाल को दे दिया है। इसलिए इसका दिल्ली की AAP सरकार द्वारा विरोध किया जा रहा है।

क्यों बीजेपी-आप आमने-सामने?
दिल्ली अध्यादेश पर इसलिए बीजेपी और आप आमने-सामने है क्योंकि दिल्ली सरकार के अधिकारियों के तबादले और तैनाती का अधिकार एलजी के कार्यकारी नियंत्रण में था लेकिन 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इसे पलट दिया।

कोर्ट ने अपने एक फैसले में दिल्ली पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और जमीन के अलावा अन्य सेवाओं का अधिकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार को दिया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर अधिकारियों के तबादले का अधिकार वापस एलजी को सौंप दिया था।

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