छत्तीसगढ़

स्वतंत्रता आंदोलन का स्मारक सिक्कों में सफर ……

(दिलीप जागवानी ) : बिलासपुर : पाइका आंदोलन प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन माना जाता है. इसकी जानकारी बहुत कम लोगों को है. भारतीय स्वाधीनता आंदोलन का क्रम, जारी स्मारक सिक्कों में दर्ज है. इसका कलेक्शन यहां लगी प्रदर्शनी में खूब सराहा गया.
इतिहास की किताबों में 1857 का संग्राम, महात्मा गांधी का सविनय अवज्ञा आंदोलन, दांडी यात्रा और भारत छोड़ो आंदोलन प्रमुखता से पढ़ाया जाता है. लेकिन बहुत कम लोगों को यह मालूम है की आजादी की लड़ाई का शंखनाद 1817 में पाईका आंदोलन से किया गया था।

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स्वाधीनता के प्रमुख आंदोलनों का क्रम भारतीय मुद्रा में दर्ज है. ऐसे स्मारक सिक्कों का कलेक्शन शहर के अतुल जैन के पास है. उड़ीसा में बख्शी जगबंधु ने सामाजिक आर्थिक और राजनैतिक आजादी के लिए पाइका जाति को एकत्र कर  अंग्रेजो के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी जो बाद में देश की आजादी के आंदोलन मे तब्दील हुई. इन स्मारकों को दिखाते हुए अतुल जैन कहते हैं पाइका के बाद आजादी का दूसरा आंदोलन कुका हुआ।

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सिखों के नामधारी संप्रदाय का धार्मिक सुधार के लिये  1819 मे आंदोलन शुरू हुआ. जिसे बाद मे सतगुरु राम सिंह ने आजादी की जंग में बदल दिया. कुका का अभिप्राय हुंकार से है. इस आंदोलन की याद मे भी भारत सरकार ने ₹200 का स्मारक सिक्का जारी किया था. इस दौरान दक्षिण अफ्रीका से लौटकर आए महात्मा गांधी के नेतृत्व  मे 1915 का सविनय अवज्ञा आंदोलन, 1919 मे जलियांवाला बाग, 1930 मे नमक का कानून तोड़ने चलाया गया आंदोलन और 1947 में भारत छोड़ो आंदोलन पर जारी भारतीय विरासत के इन सिक्को का संग्रह अतुल जैन नई पीढ़ी को दिखा रहे है. जिससे वो आजादी की लड़ाई और उन योद्धाओं को जान सके।

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शहर में 3 दिनों तक चले प्राचीन और दुर्लभ सिक्के और नोट की प्रदर्शनी हजारों लोगों ने देखा और अपना कलेक्शन बढ़ाने खूब खरीदी की.

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