बिलासपुर

पैसे नहीं देने पर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ अनिल गुप्ता दे रहे महिला डॉक्टरों को मानसिक प्रताड़ना :- डॉ वंदना चौधरी(वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ)

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(आशीष मौर्य के साथ जयेन्द्र गोले) : जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल गुप्ता पर महिला चिकित्सकों ने गंभीर आरोप लगाए हैं. महिला डॉक्टरों का कहना है कि सिविल सर्जन अवैध वसूली करने लगातार दबाव बना रहे हैं. और ऐसा नहीं करने पर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है.सीसीएन लोकस्वर टीवी न्यूज़ चैनल से खास बातचीत करते हुए वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ वंदना चौधरी ने बताया कि 16 और 17 अक्टूबर को उन्होंने अस्पताल आकर मरीजों का इलाज किया था.

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लेकिन सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल गुप्ता ने यह कहकर 2 दिन का उनका वेतन काट लिया, की महिला चिकित्सक के द्वारा रजिस्टर में गलत तरीके से उपस्थिति दर्ज की गई है. महिला चिकित्सकों का आरोप है कि उन्हें बिना नोटिस दिए उनका वेतन काटा गया है. जिन महिला चिकित्सकों के साथ प्रताड़ना हो रही है उसमें डॉक्टर रानी केसरी(नेत्र विशेषज्ञ), डॉ वंदना चौधरी( वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ), डॉ नगीना टंडन( चेस्ट एवं टीबी विशेषज्ञ) और डॉ कमला पटनायक शामिल है.

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ऑपरेशन से हटाकर, ओपीडी में लगाई ड्यूटी
बिना नोटिस दिए महिला चिकित्सकों का काटा गया वेतन
योग्य चिकित्सकों को हटाकर,दूसरे चिकित्सक को दिया ऑपरेशन करने का अधिकार.

महिला डॉक्टर पर मरीजों से अवैध वसूली करने बनाया जा रहा दबाव, नहीं करने पर दी जा रही मानसिक प्रताड़ना :- महिला चिकित्सकों का आरोप है कि सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल गुप्ता अस्पताल में पदस्थ कर्मचारियों से अवैध वसूली करते हैं. जो लोग उन्हें पैसा देते हैं उनका वह सहयोग करते हैं, और जो लोग पैसा नहीं देते उन्हें वह मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं.

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डॉ. नगीना टंडन (चेस्ट एवं टीबी रोग विशेषज्ञ)
डॉ. वंदना चौधरी, वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ

रायगढ़ में पदस्थ रहते डॉक्टर अनिल गुप्ता ने लोगो का बनाया था फर्जी मेडिकल,चल रहा विभागीय जाँच :- बताया जा रहा है कि डॉक्टर अनिल गुप्ता के खिलाफ रायगढ़ में पदस्थ रहने के दौरान विभागीय जांच चल रहा है. डॉ अनिल गुप्ता के ऊपर आरोप है कि उन्होंने पैसे लेकर गलत ढंग से मेडिकल सर्टिफिकेट बनाया. जांच के बाद इन्हें निलंबित भी किया गया था.

जिला अस्पताल की महिला चिकित्सकों को परेशान करने, जूनियर चिकित्सकों को दिया प्रभार :- जिला अस्पताल की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर वंदना चौधरी ने बताया कि, उन्हें परेशान करने के लिए, उनकी ड्यूटी ऑपरेशन कक्ष से हटाकर ओपीडी में लगा दी गई है. उनके स्थान पर डॉ मुगधा लाडीकर(स्त्री रोग विशेषज्ञ) और डॉ ममता सलूजा ( चिकित्सा अधिकारी) जिन्हें स्त्री रोग विभाग में सिजेरियन ऑपरेशन करने और ऑनलाइन ड्यूटी संपादित करने आदेश निकल गया है. डॉ वंदना चौधरी का कहना है कि सिजेरियन ऑपरेशन करने का अधिकार सिर्फ उन्हें है क्योंकि वह क्लास वन स्त्री रोग विशेषज्ञ है.वही जिनकी ड्यूटी सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल गुप्ता ने ऑपरेशन के लिए लगाया है वह सिजेरियन ऑपरेशन करने के लिए नियम के तहत कहीं से भी उपयुक्त नहीं है.

डॉ नगीना टंडन ने भी लगाया सिविल सर्जन पर गंभीर आरोप :- जिला अस्पताल में पदस्थ चेस्ट एवं टीबी रोग विशेषज्ञ डॉ नगीना टंडन ने बताया कि उन्हें डॉक्टर अनिल गुप्ता कई तरह से मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं, जिसकी शिकायत उन्होंने पुलिस अधीक्षक कलेक्टर सहित अनुसूचित जाति आयोग में भी की है. वही तारबहार थाने में भी लिखित शिकायत उनके द्वारा दी गई है. डॉ नगीना टंडन ने कहा कि उन्हें बैठने के लिए कक्ष उपलब्ध नहीं कराया जा रहा था, इसके साथ ही उन्हें मरीज को भर्ती लेने नहीं दिया जा रहा है.

जिला अस्पताल का माहौल हो रहा ख़राब :- सिविल सर्जन डॉ अनिल गुप्ता और उनके स्टाफ के बीच चल रहे विवाद के चलते जिला अस्पताल का माहौल खराब हो रहा है. एक तरफ जहां महिला चिकित्सक सिविल सर्जन पर अवैध वसूली करने का आरोप लगा रहे हैं. अस्पताल की व्यवस्था काफ़ी चरमराई हुई है. बरहाल मामले की शिकायत पीड़ित महिला चिकित्सकों ने कलेक्टर से भी की है.

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