बिलासपुर

शहर विधायक शैलेश पांडे ने विधानसभा में जोर शोर से उठाया बिलासपुर में एम्स स्थापना का मुद्दा… नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, धरमजीत सिंह और धरमलाल कौशिक ने किया समर्थन

(शशि कोन्हेर) : रायपुर – शुक्रवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र में नगर विधायक शैलेष पांडेय ने बिलासपुर में बेहतर स्वास्थ सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एम्स की स्थापना का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बिलासपुर और बिलासपुर और सरगुजा संभाग के लोगों को बहुत बेहतर स्वास्थ सुविधा पाने के लिए तकलीफ होती है। रायपुर में एम्स होने के कारण मरीजों को रायपुर भेजना पड़ता है। एम्स की आवश्यकता बिलासपुर सहित सरगुजा संभाग के लोगों को होती है। दोनों संभागों को मिलाकर आबादी डेढ़ करोड़ से अधिक है।

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नगर विधायक शैलेष पांडेय ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टीएस सिंहदेव से सदन में घोषणा करने की मांग रख दी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री सदन में घोषणा करें कि छत्तीसगढ़ में जब भी एम्स की स्थापना हो तो वह बिलासपुर में हो। बिलासपुर में एम्स की स्थापना की मांग पर भाजपा के वरिष्ठ विधायक धरमलाल कौशिक ने पार्टी की ओर से समर्थन दे दिया।

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वरिष्ठ विधायक धर्मजीत सिंह ने इस मुद्दे पर कहा कि उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का बयान पढ़ा था कि बिलासपुर में एम्स की स्थापना हो। और इस पर राज्य सरकार प्रयासरत है। सदन में धर्मजीत सिंह ने आगे कहा कि राज्य सरकार को बिलासपुर में एम्स स्थापना के लिए शासकीय संकल्प पारित कर प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजना चाहिए।

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नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने बिलासपुर में एम्स स्थापना के मुद्दे पर सहमति देते हुए कहा कि वास्तव में पूरे बिलासपुर संभाग के लिए चिकित्सा क्षेत्र का अभाव है। अविभाजित बिलासपुर संभाग में सरगुजा क्षेत्र भी सम्मिलित था। यहां के लोगों को बाहर जाना पड़ता है। विशाखापटन्म, बिहार जाना पड़ता है। इस मांग पर हमारी भी सहमति है कि जब भी छत्तीसगढ़ में एम्स खोलें वह बिलासपुर में खोलें।

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स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सदन में कहा कि बिलासपुर में एम्स अस्पताल की स्थापना करने के लिए राज्य सरकार द्वारा अर्ध शासकीय पत्र मंत्री भारत सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय नई दिल्ली को लिखा गया। हम सब जानते हैं कि एम्स स्थापना एक बड़ा कठिन निर्णय होता है बहुत बड़ा निर्णय होता है और देश भर में एम्स नहीं हुआ करते थे और अभी भी शायद कुछ राज्य होंगे जिसमें एम्स नहीं है।


हाल ही में एक कवरेज आया था मीडिया कवरेज आया था कि केन्द्र सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि एक राज्य में तुलनात्मक छोटा नही कम से कम 2 एम्स भी हो सकते हैं। इस बात को लेकर मैं जब बिलासपुर गया था तो विधायक शैलेष पांडेय ने इस बात को उठाया था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी इस बात से अवगत हैं मैंने उनसे भी परामर्श किया है उनसे भी सलाह किया आता है या राज्य स्तर का मामला है तो उनका निर्णय की अनिवार्य है।


इस बात को देखते हुए कि यदि भविष्य में छत्तीसगढ़ में दूसरे एम्स की स्थापना होती है तो बिलासपुर में होनी चाहिए छत्तीसगढ़ में दूसरे एम्स का पहला विकल्प कहां होना चाहिए हमारे 5 संभाग हैं। रायपुर के एम्स में दुर्ग संभाग के लोगों को सुविधा मिल जाती है। लेकिन विधायकों की संख्या में सबसे बड़ा संभाग बिलासपुर है जहां से 24, सरगुजा से 14 और बस्तर में 12 विधायक आते हैं।, जनसंख्या को भी आधार मानते हुए एक करोड़ या उससे अधिक बिलासपुर और सरगुजा संभाग को मिलाकर होते हैं। लोग झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, सभी छत्तीसगढ़ स्थित एम्स में इलाज के लिए आते हैं।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टीएस सिंह देव ने सदन में घोषणा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री से भी इस संबंध में परामर्श सहमति है की अगला एम्स यदि छत्तीसगढ़ में स्थापना होना है तो विभाग और राज्य शासन की ओर से बिलासपुर को चिन्हाकिंत किया है बिलासपुर में एम्स स्थापित करना उचित होगा।

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