छत्तीसगढ़

रामसेतु पर कांग्रेस की ओर से, कोर्ट को दिया गया हलफनामा पढ़ लें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल….उनके सारे भ्रम मिट जाएंगे – अरुण साव

रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद अरुण साव ने रामसेतु मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान को तथ्यों से परे और कोरी राजनीतिक बयानबाजी करार देते हुए कहा है कि भ्रमित करना कांग्रेस की संस्कृति और श्री बघेल की कार्यसंस्कृति है। वे भ्रम का वातावरण निर्मित करने के आदी हैं। तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश करना उनका राजनीतिक स्वभाव है। वे रामसेतु पर जो व्याख्यान दे रहे हैं, वैसा कोई न तो सवाल है और न ही रामसेतु के अस्तित्व को नकारने का कोई जवाब है। कांग्रेस की असलियत राम भक्तों से छुपी नहीं है।

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प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लोकसभा सांसद अरुण साव ने कहा कि राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा ने रामसेतु के ढांचे के वैज्ञानिक अनुसंधान को लेकर सवाल किया था। उन्होंने पूछा था कि क्या सरकार भारत के गौरवशाली इतिहास पर कोई वैज्ञानिक शोध कर रही है, क्योंकि पिछली सरकारों ने इस मुद्दे पर लगातार ध्यान नहीं दिया।

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केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने उनके सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि सरकार लगातार ऐसे मामलों की जांच के लिए काम कर रही है, सवाल के जवाब में उन्होंने इस मामले में अन्य जानकारी भी दी।अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बतायें कि भाजपा की केंद्र सरकार ने रामसेतु के अस्तित्व नकारा है या जांच के काम कर रही है। श्री अरुण साहू ने फिर दोहराया कि केंद्र सरकार ने कतई, राम सेतु के अस्तिस्व को नही नकारा है।

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प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री साव ने मुख्यमंत्री श्री बघेल को संवेदनशील मामलों में भ्रमित करने की राजनीति से परहेज करने की नसीहत देते हुए कहा है कि रामसेतु पर कांग्रेस का हलफनामा देख लें। सारे भ्रम दूर हो जाएंगे। 2008 में सोनिया गांधी के मार्गदर्शन में चलने वाली यूपीए मनमोहन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर रामसेतु को काल्पनिक करार दिया था और कोर्ट में कहा था कि वहां कोई पुल नहीं है।

ये स्ट्रक्चर किसी इंसान ने नहीं बनाया। यह किसी सुपर पावर से बना होगा और फिर खुद ही नष्ट हो गया। इसी वजह से सदियों तक इसके बारे में कोई बात नहीं हुई। न कोई सबूत है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री साव ने कहा कि अब भूपेश बघेल बतायें कि कांग्रेस ने किसके निर्देश पर भगवान श्री राम के अस्तित्व को नकारा था और किसके आदेश पर रामसेतु को काल्पनिक बताया था, किसके हुक्म पर कहा था कि कोई सबूत नहीं है। कांग्रेस रामसेतु वाले स्थान पर प्रोजेक्ट के लिए खुदाई कर अवशेष क्यों ध्वस्त करना चाहती थी?

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