छत्तीसगढ़ी भाषा संस्कृति की जागरूकता रैली का हुआ स्वागत….
(विजय दानिकर) : रतनपुर – छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना बिलासपुर द्वारा शैक्षणिक और सांस्कृतिक जागरूकता बाइक रैली महामाया चौक बिलासपुर से खमतराई, बैमा, नागोई, लखाराम, भरवीडीह होते हुए रतनपुर महामाया धर्मशाला पहुंची ।यहां छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना का जोरदार स्वागत किया गया । महामाया धर्मशाला के हाल में आयोजित इस कार्यक्रम में रैली में पहुंचे लोगों का नगर की ओर से अनामिका शर्मा, दिनेश पांडेय, शुकदेव कश्यप, रामेश्वर सांडिल्य, राजेश्वरी दुबे, संतोष शुक्ला आदि लोगों ने माल्यार्पण कर स्वागत किया।
इस कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता नंदकिशोर शुक्ला ने छत्तीसगढ़ी भाषा को स्कूल शिक्षा में शामिल करने की जोरदार मांग की ।क्रांति सेना की अध्यक्षता लता राठौर ने लोगों को छत्तीसगढ़ी भाषा का सम्मान करने को कहा। छत्तीसगढ़ी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग करते हुए नगर के साहित्यकार दिनेश पांडेय ने यह गीत गाकर खूब वाहवाही बटोरी “छत्तीसगढ़ी बोले पर झन लजावव जी, छत्तीसगढ़ी बोले बर आघु आवा जी “छत्तीसगढ़ी भाषा का अधिकाधिक उपयोग की वकालत करते हुए साहित्यकार शुकदेव कश्यप ने कहा –कार्यालयों में भी छत्तीसगढ़ी का प्रयोग अधिक अधिक होना चाहिए। रामेश्वर सांडिल्य, मीरा शर्मा ने भी सभा को संबोधित किया ।रैली में पधारे लक्ष्मी करियारे के छत्तीसगढ़ी गीत ने सब को मुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए अनामिका शर्मा ने नारी शक्तियों को घर में अधिक से अधिक छतीसगढ़ी बोलने लिखने को कहा। इस रैली के समापन कार्यक्रम को सफल बनाने में महामाया ट्रस्ट रतनपुर का विशेष सहयोग रहा ।भारी संख्या में उपस्थित नारी शक्तियों एवं सभी का आभार प्रदर्शन दिनेश पांडेय ने किया।