बिलासपुर

सावधान….आज सतर्क रहे प्रशासन…नेहरू चौक पर हो सकता है बवाल और हंगामा..!

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(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। वैसे तो बिलासपुर शहर का नेहरू चौक विभिन्न राजनीतिक सामाजिक और कर्मचारी संगठनों के शक्ति प्रदर्शन का कुरुक्षेत्र बनते जा रहा है। आए दिन कोई न कोई संगठन यहां बड़े-बड़े पंडाल लगाकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करता दिखाई देता है। हालांकि कलेक्टर के द्वारा नेहरू चौक और उसके आसपास किसी भी प्रकार के धरना प्रदर्शन और आंदोलन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। लेकिन इस प्रतिबंध की हालत ठीक वैसे ही दिखाई दे रही है…जैसे किसी सरकारी दफ्तर में उसी जगह दीवारों पर “पान की पीक” अधिक दिखाई देती है जहां लिखा होता है कि यहां पान खाकर थूकना सख्त मना है…।

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खैर यह बिलासपुर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन का सिर दर्द है कि उसके द्वारा लागू प्रतिबंधात्मक आदेशों का पालन हो रहा है अथवा नहीं। यहां इस विषय पर हम आज केवल इसलिए चर्चा कर रहे हैं क्योंकि आज इस चौक पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही संगठनों के द्वारा शक्ति प्रदर्शन का पूरा अंदेशा दिखाई दे रहा है। दरअसल आज बिलासपुर ग्रामीण कांग्रेस के जिलाध्यक्ष श्री विजय केशरवानी ने नेहरू चौक के पास ही स्थित प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री अरुण साव को गंगाजल और गाय का गोबर सौपने के एक आंदोलन की घोषणा की है। यह तय है कि इस आंदोलन के लिए श्री विजय केशरवानी अकेले तो गंगाजल और गाय का गोबर लेकर सांसद निवास की ओर नहीं जाएंगे। जाहिर है कि कांग्रेसजनों, युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं की भीड़ भी उनके साथ हो। जैसी जानकारी मिली है प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री अरुण साव आज संभवत नेहरू नगर स्थित अपने कार्यालयीन आवास में मौजूद नहीं रहेंगे। रायपुर में प्रदेश भाजपा प्रभारी श्री ओम माथुर के कार्यक्रमों में उनकी व्यस्तता राजधानी में ही होगी। लेकिन उनकी अनुपस्थिति में उनके निवास पर जाकर गाय का गोबर और गंगाजल सौंपने के लिए श्री विजय केशरवानी की अगुवाई में जाने वाली भीड़ कहीं कोई हंगामा ना कर बैठे, इसका पुलिस और जिला प्रशासन को ध्यान रखना लाजमी है। इसी तरह आज नेहरू चौक पर ही भारतीय जनता युवा मोर्चा के द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के पुतला दहन आंदोलन की घोषणा की गई है।

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भानुप्रतापपुर उपचुनाव की घटनाओं और सियासत के खिलाफ मुख्यमंत्री के पुतला दहन का आयोजन भाजयुमो द्वारा दोपहर 3 बजे के आसपास किया जाएगा। जाहिर है कि इसमें भी बड़ी संख्या में भारतीय जनता युवा मोर्चा और भारतीय जनता पार्टी तथा महिला मोर्चा की भीड़ मौजूद रह सकती है। अब यह पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को देखना है कि नेहरू चौक जैसे भीड़ भरे और व्यस्ततम चौक पर एक ही दिन में भाजपा और कांग्रेस द्वारा किए जाने वाले दो-दो शक्ति प्रदर्शनों के आयोजनों पर कानून व्यवस्था की रक्षा के लिए कैसा नियंत्रण स्थापित करते हैं। प्रशासन की इसी “टेक्टफुल डीलिंग” पर यह निर्भर करेगा कि नेहरू चौक पर दोनों ही पार्टियों के शक्ति प्रदर्शन जैसे कार्यक्रम भी शांतिपूर्वक संपूर्ण हो जांए और कानून व्यवस्था की मर्यादा भी बनी रहे। साथ ही इन दोनों ही कार्यक्रमों के चलते आम जनता को किसी प्रकार की कोई तकलीफ ना हो। इति..!

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