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संभाले नहीं संभल रही भाजपा की गुटीय लड़ाई- वहां- विधानसभा चुनाव के 2 माह बाद भी नेता प्रतिपक्ष तय नहीं कर पा रही पार्टी

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(शशि कोन्हेर) : अनुशासन और चाल चेहरा चरित्र का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी भी अब पहले जैसी नहीं रही। सत्ता में आने के बाद इस पार्टी में भी गुटबाजी जैसी तमाम बीमारियां कांग्रेस की तरह ही दिखाई देने लगी हैं। राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री का चेहरा बनने के लिए किस कदर उठापटक कर रही है यह सब की नजर में है। छत्तीसगढ़ में भी पार्टी किस चेहरे को लेकर मैदान में जाएगी यह तय नहीं कर पा रही है। हालत यह है कि कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के 2 माह बाद भी पार्टी अपने विधायक दल का नेता अर्थात नेता प्रतिपक्ष तय नहीं कर पा रही है। चुनाव में मिली पराजय के बाद वहां गुटबाजी अपने चरम पर है।

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उल्लेखनीय है कि 224 विधानसभा सीटों के लिए 10 मई 2023 को हुए विधानसभा चुनाव के मतों की गणना और चुनावी नतीजों की घोषणा 13 मई 2023 को हो चुके हैं। इसके बाद 2 माह गुजरने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी अभी तक अपने विधायक दल का नेता नहीं छुपाई है। भाजपा को इस चुनाव में 65 विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी। जबकि कांग्रेस 136 सीटों पर विजय हासिल कर सत्ता पर काबिज होने में सफल रही है। वही जेडीएस को 19 और निर्दलीय को 4 सीटें मिली हैं।

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यहां नेता प्रतिपक्ष का दर्जा भाजपा विधायक दल के नेता को मिलेगा। क्योंकि नेता प्रतिपक्ष को कैबिनेट स्तर के मंत्री की सुविधाएं रहा करती हैं। इसलिए कर्नाटक में कई नेता इस पद के लिए दावा कर रहे हैं। और भाजपा के लिए विधानसभा चुनाव के 2 माह बाद भी यह तय करना मुश्किल हो गया है कि वह अपने विधायक दल का नेता किसे चुनें।

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