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राज्यपाल के संबोधन में बीजेपी  MLAs ने डाली बाधा, भाषण की कॉपी फाड़कर किया सदन से वॉकआउट

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(शशि कोन्हेर) : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने बुधवार को पहली बार राज्य विधानसभा को संबोधित किया. राज्यपाल के संबोधन के दौरान ही बीजेपी विधायकों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. बीजेपी विधायक राज्यपाल के संबोधन के दौरान ही विधानसभा से वॉक आउट कर गए.

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पश्चिम बंगाल का बजट अगले हफ्ते पेश होने वाला है. इसलिए राज्यपाल बुधवार को सदन को संबोधित कर रहे थे. संबोधन शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद बीजेपी विधायकों ने विपक्ष के नेता शुवेंदु अधिकारी  के नेतृत्व में सदन में राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. बीजेपी विधायकों ने राज्यपाल के खिलाफ भी प्रदर्शन किया. विधायकों का आरोप है कि राज्यपाल राज्य सरकार द्वारा तैयार भाषण को पढ़ रहे हैं, जिसका हकीकत से कोई वास्ता नहीं है.

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शुवेंदु अधिकारी ने कहा, ‘यह राज्य की सबसे भ्रष्ट सरकार है. हमने सदन से वॉकआउट किया, क्योंकि राज्यपाल के संबोधन में भ्रष्टाचार के मामलों और टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी का कोई जिक्र नहीं था.’ टीएमसी के चीफ व्हिप निर्मल घोष ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि पार्टी सदन की कार्यवाही को बाधित करने की कोशिश कर रही है.

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बता दें कि जब राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अलर्ट है, तो कथित तौर पर एक बीजेपी विधायक ने राज्यपाल के भाषण की कॉपी फाड़ी.

ममता सरकार में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री फिरहाद हाकिम ने संवाददाताओं से कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. भारत के राष्ट्रपति, राज्यपाल, न्यायाधीश – वे संवैधानिक पद हैं. हम उनके खिलाफ नारे नहीं लगा सकते. यह असंवैधानिक है.” उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से, विपक्ष के नेता और विपक्ष को यह नहीं पता कि संवैधानिक क्या है. वे सभी गुंडे हैं.”

वहीं, शुवेंदु अधिकारी ने कहा, ‘हमने विरोध तब किया जब राज्यपाल ने यह कहना शुरू किया कि राज्य में कानून व्यवस्था शांतिपूर्ण है. राज्यपाल की इस बात को स्वीकार करना संभव नहीं है. जिस तरह से राज्यपाल केंद्र सरकार के खिलाफ पढ़ रहे थे, हमने उसका विरोध किया. राज्यपाल को भाषण पढ़ने से पहले तथ्यों की जांच करनी चाहिए थी.

उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि राज्यपाल उचित कदम उठाएंगे, क्योंकि वह गुमराह हैं. धर्मनिरपेक्षता के नाम पर, सीएम ममता बनर्जी) रोहिंग्याओं की रक्षा कर रही हैं, जबकि अमित शाह रोहिंग्याओं के खिलाफ लड़ रहे हैं.

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