छत्तीसगढ़

न्याय योजना के नाम से किसानों के साथ एक और धोखा : संदीप शर्मा

(शशि कोन्हेर) : रायपुर : धान की खेती करने वाले पंजीकृत किसानों के खाता में धान के कीमत की अंतर राशि दिया जाना था परंतु अंतर राशि की जारी दो किस्तें हजारों पंजीकृत रेगहा किसनों के खाता में नही दिए गए जो भुपेश सरकार द्वारा किसानों के साथ धोखा है कपट है।

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भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी एवं प्रवक्ता संदीप शर्मा ने  उक्त प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि किसान द्वारा धान बोये गए खेत के रकबा का पंजीयन किसान स्वयं अपने नाम से या भूस्वामी की सहमति के आधार पर रेगहा ,अधिया बोन वाला किसान अपने नाम पर करा सकता है यह नियम भाजपा सरकार के समय बनाई गई थी जिसमे पंजीकृत बैंक खाता में धान की कीमत, और बोनस का सीधा अंतरण किया जाता था।

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पिछले पंजीयन सत्र में हजारों रेगहादार किसानों ने इस प्रकार पंजीयन करवाया था। सरकार के आदेशानुसार पंजीयन भी किया गया परन्तु अभी जब धान के कीमत का बकाया अंतर राशि जिसे न्याय योजना के नाम से दिया जाता है उसमें पंजीकृत रेगहा किसानों को अंतर राशि नही दिया जा रहा है। किसानों द्वारा पूछने पर अधिकारी या तो कोई जवाब नही दे रहे हैं या गोलमोल बात कर रहे हैं।

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किसान मोर्चा प्रभारी संदीप शर्मा ने अपने आप को किसान का बेटा कहने वाले मुख्यमंत्री भुपेश बघेल से पूछा है कि रेगहा किसानों के पंजीकृत खाता में अंतर राशि क्यों नही दी जा रही है?
इस प्रकार कोई नीतिगत निर्णय लिया गया है तो किसानों को विश्वास में क्यों नही लिया गया? अंतर राशि यदि रेगहादार किसानों के खाते में नही दे रहे तो भूस्वामी के खाता में क्यों नही दिया जा रहा? बोये गए धान फसल के रकबा के आधार पर जब भुगतान करना है तो रेगहा पंजीकृत किसानों के साथ यह धोखा क्यों किया जा रहा है, जबकि भाजपा सरकार के समय इस प्रकार कोई भेदभाव नही किया गया।

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किसान नेता संदीप शर्मा ने भुपेश सरकार पर किसानों के साथ लगातार कपट और धोखा का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार कभी रकबा कटौती, कभी बारदाना की कमी,बताकर धान ख़रीदी में आना कानी करते रही अब सीधे भुगतान कटौती में आमादा है। दूसरी तरफ खाद की कालाबाजारी को शह देकर और मिट्टी भरे कथित कम्पोस्ट खाद की खरीदी को अनिवार्य कर खुलेआम किसानों को लूट रही है।


गोबर खरीदी के नाम पर भ्रष्टाचार खुलेआम हो रहा है, अनेक गौठानों में गोबरहीनों से गोबर न खरीद कर कांग्रेसी एजेंट के गोबर खरीदे जाने की घटना भी सामने आ रही है। इस प्रकार  किसानों और मजदूरों के साथ भुपेश सरकार का यह कपटपूर्ण रवैय्या इस सरकार की ताबूत में आखरी कील होगा।

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