अम्बिकापुर

एक शाम बाबा जामा शाह के नाम — स्वास्थ्य मंत्री सिंह देव के आतिथ्य में मुकम्मल हुई सालाना कव्वाली प्रोग्राम


(मुन्ना पाण्डेय) : लखनपुर+(सरगुजा) : अनेकता में एकता आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने के नजरिए से ग्राम बंधा जूनाडीह स्थित हज़रत जामाशाह रह0 अलै0 के दरगाह में सालाना उर्स कव्वाली प्रोग्राम 15 जून को माननीय टी0 एस0 सिंह देव स्वास्थ्य मंत्री छत्तीसगढ़ शासन , लाल अजीत प्रताप सिंह देव उर्स कमेटी अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह देव जंप उपाध्यक्ष अमीत सिंह देव राकेश गुप्ता अन्य हस्तियों के मुख्य आतिथ्य में मुकम्मल हुई।
दौरान कार्यक्रम के स्वास्थ्य मंत्री सिंह देव तथा लखनपुर लाल बहादुर अजीत प्रताप सिंह देव अन्य विशिष्ट अतिथियों ने बाकायदा बाबा के मजार शरीफ में चादर चढ़ाया।
बाद इसके मुख्य अतिथि सरगुजा महाराज टी0 एस0 सिंह देव ने प्रोग्राम में शिरकत कर फीता काट कर मेहफिल का आगाज किया।


दरपेश मशहूर कव्वाल असलम मोकर्रम साबरी सहारनपुर यूपी एव सुफियाना कव्वाला शीबा परबीन कानपुर यूपी के द्वारा बेहतरीन कव्वाली पेश किया । दोनों फनकारों ने समां बांधते हुए मेहफिल- ऐ -क़व्वाली में रौनक बिखेर दी ।
मजमा -ऐ- क़व्वाली में दूरदराज़ ग्रामीण अंचल से आये श्रोता काफी संख्या में शामिल रहे।
बाबा के मजार में लोग ही नहीं अपितु रात भी जागती रही।
सारी रात कव्वाली प्रोग्राम चलता रहा। श्रोता रात भर कव्वाली प्रोग्राम का लुत्फ उठाते रहे।
बाबा जामाशाह रह0 अलै0 के दरगाह में मन्नतें मानने वाले तथा चादर पोशी करने वालों का तांता लगा रहा। कहते हैं बाबा के मजार से कोई सवाली खाली नहीं लौटता।
इस मौके पर मुख्य अतिथि टी0 एस0 सिंह देव केविनेट मंत्री ने प्रोग्राम में शरीक श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए कहा– यह प्रोग्राम आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने के नजरिए से यकीनन सराहनीय है। बाबा के दरगाह में सबके लिए रहमत बरसती है आपका नहीं बाबा का करम है कि उनके बुलावे पर मजार शरीफ में आने का अवसर मिलता रहा है ।
आगे भी बाबा ऐसे ही वक्त अता फरमाते रहे जिससे उनके दरबार में हाजिरी लगाने का मौका मिलता रहे, यही दिली तमन्ना है। उन्होंने उर्स कमेटी को मुबारकबाद दिया। दूसरे हाजिरन मचाशीनो ने भी कार्यक्रम को संबोधित किये।
मजार शरीफ में पेश इमाम द्वारा फातिहा पढ़ी गई ।
कौम के लोगों ने अपने सजदा -ऐ- इबादत में मुल्क के खुशहाली आपसी भाईचारे अमन चैन की दुआ मांगे। दरअसल बाबा के मजार शरीफ का इतिहास रहा है कि यहां हर साल उर्स शरीफ़ कार्यक्रम आयोजित होती रही है । कार्यक्रम मुकम्मल कराने में शासकीय अधिकारियों का विशेष योगदान रहा।

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