आदिवासी समाज द्वारा आदिगुरु का जन्मोत्सव…..
(विजय दानिकर) : बिलासपुर – भारत भूमि में विभिन्न जाति, वर्ग व धर्म के लोग निवासरत है, और प्रत्येक समुदाय का अपना एक अलग ही पहचान बना हुआ है, तथा उस परम शक्ति परमात्मा तक पहुंचने के मार्ग भले ही अलग-अलग हैं जिसके तहत हर क्षेत्र के जाति, धर्म समुदाय में पूजा की विधि विधान विभिन्नता में देखने को मिलती है ,तो इसी कड़ी में आदिवासी समाज ने अपने आदि गुरु की जन्म दिवस व देवी देवताओं की स्थापना का एक अनूठा आयोजन देखने को मिला।
रतनपुर के नजदीकी ग्राम भैंसाझार में आदिवासी समाज के द्वारा अपने देवी देवताओं की शक्तिपीठ स्थापना के साथ आदि गुरु पहांदी पारी कुपार लिंगो का जन्म उत्सव कार्यक्रम बड़े ही धूमधाम के साथ संपन्न हुआ जहां इनके द्वारा सर्व आदिवासी समाज को आमंत्रित किया गया था इस अनूठे आयोजन में आसपास के ग्रामीण अंचल से आदिवासी समाज के सभी वर्ग के लोग सैकड़ों लोग की तादात में यहां उपस्थित हुए थे इस दौरान इस धार्मिक आयोजन में 5 दिए जला कर देवी देवताओं की स्थापना के साथ अपने आदिगुरु पहांदी पारी कुपार लिंगो का जन्मोत्सव कार्यक्रम बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया, इस जन्मोत्सव कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सेवा परमो धर्म के तहत प्राणी मात्र की सेवा को ही धर्म में अग्रणी स्थान बताया गया।