कोरबा

प्रतिष्ठित सोनकर परिवार द्वारा स्वर्गीय माँ की स्मृति अवसर पर 11 से 19 तक श्रीमद भागवत कथा का भव्य आयोजन, वृंदावन के खंडेश्वरी कथावाचक बाल कृष्ण शरण जी भगवान श्रीहरि के विभिन्न लीलाओं का कराएंगे श्रवण..

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(शशि कोन्हेर) : कोरबा/पाली – नगर के प्रतिष्ठित सोनकर परिवार द्वारा पितृ मोक्षार्थ और स्वर्गीय श्रीमती रानी सोनकर की स्मृति (वार्षिक श्राद्ध) के अवसर पर अपने पोड़ी रोड स्थित निवास पर 11 से 19 सितंबर तक श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया है। जिसके कथावाचक वृंदावन के खंडेश्वरी बाल कृष्ण शरण जी होंगे, जो भगवान श्रीहरि के विभिन्न लीलाओं की कथा का अपने मुख से श्रवण कराएंगे।

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स्व. श्रीमती सोनकर अधिवक्ता शशिकांत सोनकर, जिला कांग्रेस कमेटी कोरबा के महामंत्री दीपक सोनकर, पाली नगर पंचायत उपाध्यक्ष विनय सोनकर की मां थी, जिनके याद व पितृपक्ष में यह आयोजन होना है। 11 सितंबर से प्रारंभ होने वाले श्रीमद भागवत कथा का शुरुआत भव्य कलश शोभायात्रा के साथ नगर भ्रमण व विधिवत पूजा अर्चना के साथ होगी, जिस कथा का श्रवण प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक भक्तगण कर सकेंगे। बता दें कि श्रीमद भागवत कथा का यह धार्मिक उत्सव स्वयं को जानने और मन के सारे संतापों को दूर करने का एक सुअवसर है। सनातन धर्म के अनुसार 18 पवित्र पुराण हैं, जिनमें एक भागवत् पुराण भी है।

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इसे श्रीमद्भागवत या केवल भागवतम् भी कहते हैं। यह जगत के पालक श्री विष्णुजी के धरती पर लिए गए 24 अवतारों के साथ उस दौरान उनके जीवन की कथा का भावपूर्ण वर्णन है। 12 खंडों के ग्रंथ में 335 अध्याय तथा 18 हजार श्लोक हैं। जिसके 10वें अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण के जीवन सार कुछ इस प्रकार वर्णित है कि यह समस्त प्राणियों के लिए सांसारिक जीवन जीते हुए ज्ञान तथा मुक्ति का मार्ग दिखाता है। श्रीमद्भागवत कथा सुनना और सुनाना दोनों ही मुक्तिदायिनी है तथा आत्मा को मुक्ति का मार्ग दिखाती है।

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भागवत पुराण को मुक्ति ग्रंथ कहा गया है, इसलिए अपने पितरों की शांति के लिए इसे हर किसी को आयोजित कराना चाहिए। इसके अलावा रोग- शोक, पारिवारिक अशांति दूर करने, आर्थिक समृद्धि तथा खुशहाली के लिए भी इसका आयोजन किया जाता है।

श्रीमद्भागवत कथा जीवन- चक्र से जुड़े प्राणियों को उनकी वास्तविक पहचान करता है, आत्मा को अपने स्वयं की अनुभूति से जोड़ता हैं तथा सांसारिक दुख, लोभ- मोह- क्षुधा जैसी तमाम प्रकार की भावनाओं के बंधन से मुक्त करते हुए नश्वर ईश्वर तथा उसी का एक अंश आत्मा से साक्षात्कार कराता है।

जिसका श्रवण मानव जाति के लिए सर्वोत्तम है। श्रीमद भागवत कथा आयोजक सोनकर परिवार द्वारा क्षेत्र के समस्त जनों, धर्मप्रेमी व श्रद्धालुओं को अधिकाधिक संख्या में उक्त कथा में शामिल हो पुण्य लाभ लेने आमंत्रित और अपील किया गया है।

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