कोरबा

वन विभाग के नर्सरी की फेसिंग से टकराकर हिरण की मौत, कोरबा जिले के पाली उप वन मंडल की घटना….


(कमल वैष्णव) : पाली/ कोरबा – कोरबा जिले के पाली वन परिक्षेत्र वन विभाग कार्यालय के सामने स्थित सागौन नर्सरी में सुरक्षा के लगाए गए बाड़ की लोहे की जाली से टकराकर एक वयस्क हिरण की मौत हो गई।एक पखवाड़े में य़ह हिरन की मौत का दूसरा मामला है। नगर पंचायत पाली में वन विभाग कार्यालय के सामने सागौन प्लाट है ।जिसकी सुरक्षा के लिए विभाग ने चारों तरफ लोहे के बाड से फेसिंग कराई है। इसके परिसर में ही नर्सरी और वन रोपड़ी, पौधारोपण भी किया जाता है।

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इसी परिसर में कल एक वयस्क हिरन पहुंच गया और संभवत बाड़ से निकलने के चक्कर में लोहे के जाल से टकरा गया। जिससे उसके गर्दन की हड्डी टूट गई और यह संवेदनशील जीव तड़प तड़प कर वही मर गया। आज मॉर्निंग वॉक पर गए कुछ लोगों ने हिरण को मृत हालत में देखा। पहले आशंका जताई गई कि इसकी मौत कुत्तों के हमले में तो नहीं हो गई लेकिन मौका मुआयना के पश्चात वन विभाग ने इसे एक दुर्घटना बताया।मृत हिरण का आवश्यक वैधानिक कार्रवाई के पश्चात अंतिम संस्कार कर दिया गया। लेकिन यह विडंबना ही कही जाएगी कि वन विभाग के परिसर के भीतर में ही हिरण की मौत की खबर विभागीय कर्मियों को कई घंटों के बाद हुई। वही सागौन प्लाट में आधे अधूरे फेंसिंग ने विभागीय लापरवाही उजागर कर दिया। सागौन परिसर के पूरे प्लाट की फेसिंग नहीं होने से हिरण ने खुले जगह से परिसर में अंदर प्रवेश किया और बाहर नहीं निकल पाया बल्कि बाहर निकलने के चक्कर में ही बदहवास होकर लोहे के बाड से टकरा गया, और उसकी मौत हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त रही कि लोहे का बाड़ क्षतिग्रस्त हो गया है।अभी एक पखवाड़े पूर्व ही चारे और पानी की तलाश में दमियाँ गांव के करीब आए एक वयस्क नर हिरन की कुत्तों के हमले में मौत हो गई थी।पाली वन मंडल से सटे खोंदरा जंगल विभिन्न प्रकार के वन्य जीव का रहवास है।

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ग्रीष्म ऋतु के शुरुआत में चारे और पानी की कमी होने पर वन्य प्राणी हिरण- चीतल पाली वन मंडल के दमिया, डोंगानाला से लेकर चटवाभावना वनांचल में स्वच्छंद विचरण करते रहते हैं। जो गांव की आबादी में अक्सर पहुंच जाते हैं। इसी कारण आवारा कुत्तों के शिकार हो जाते हैं। उल्लेखनीय है कि नेशनल हाइवे बगदेवा से कटघोरा फोरलेन सड़क निर्माण के कारण इन दिनों हिरण और चीतल क्षेत्र में कम ही दिखाई दे रहे हैं। क्योंकि इनके कॉरिडोर के बीच से फोरलेन सड़क गुजर रहा है,जहां सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है। क्षेत्र के जंगल को सड़क निर्माण के कारण काफी क्षति पहुंची है जिससे इनका पाली के आस पास आना कम हो गया है। फोरलेन सड़क निर्माण के कारण ही वन विभाग का प्रस्ताव भी फिलहाल ठंडे बस्ते में लटक गया है ।वन विभाग को नए सिरे से कार्ययोजना तैयार कर इन स्वच्छंद विचरण करने वाले हिरणों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए विशेष ध्यान देना होगा।

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