राजनांदगांव

बांकल रेत खदान मामले में लीज धारक को हाईकोर्ट से क्लीन चिट, उत्खनन की अनियमितताओं को भी एक सिरे से किया खारिज…

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(उदय मिश्रा) : राजनांदगांव – बांकल स्थित रेत खदान में अवैध उत्खनन किए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने लीज धारक अर्चना दुष्यंत दास को क्लीन चिट दे दी है हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता दुष्यंत दास के मामले में सुनवाई करते हुए बाकल रेत खदान में उत्खनन की अनियमितताओं को भी सिरे से खारिज कर दिया है। बता दें कि शहर से लगे ग्राम पंचायत बांकल के रेत खदान में समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर के आधार पर जिला प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की थी कार्रवाई के दौरान जिला प्रशासन ने रेत खदान में खसरा नंबर 406 के 4.85 हेक्टेयर भूमि के अतिरिक्त अवैध उत्खनन किए जाने को लेकर रिपोर्ट तैयार की थी इस रिपोर्ट में लीज धारक पर अवैध उत्खनन किए जाने का आरोप लगाया गया था जिस पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए लीज धारक को 17500 घन मीटर अतिरिक्त रेत निकाले जाने आधार पर रेत का अवैध दोहन करने के मामले में रिपोर्ट तैयार की और इस रिपोर्ट में लीज धारक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया लीज धारक ने पूरे मामले में विधिवत लिखित जवाब जिला प्रशासन को सौंपा लेकिन जिला प्रशासन ने आनन-फानन में कार्रवाई करते हुए लीज धारक पर 45 दिन के भीतर ही कार्रवाई कर दी और अंतिम आदेश पारित करते हुए 60 लाख 75 हजार 250 की पेनाल्टी लगा दी है। जिसे हाईकोर्ट ने खारिज करते हुए लीज धारक को क्लीन चिट दे दी है।

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हाईकोर्ट ने माना प्रशासन की भी जिम्मेदारी
लीज धारक के अधिवक्ता ने बताया कि इस मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने माना कि रेत उत्खनन के लिए लीज देने के बाद जिला प्रशासन की भी उतनी ही जिम्मेदारी है जितनी उत्खनन कर्ता की। इस मामले में कोर्ट का मानना है कि शासन की भूमि को लीज पर दिए जाने के बाद वहां उत्खनन किन परिस्थितियों में हो रहा है इसकी समस्त जवाबदारी लीज धारक की नहीं है जिला प्रशासन भी इस मामले में बराबर का जिम्मेदार है।

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शासकीय कार्य में बाधा

इस मामले में मैसर्स बाकल रनर मोल्ड एंड सैंड माइंड की लीज धारक अर्चना दुष्यंत दास ने बताया कि रेत खदान को लीज में दिए जाने के बाद कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा लगातार खदान के संचालन में बाधा उत्पन्न किया जा रहा है इस मामले में उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि लीज पर ली गई भूमि में उत्खनन के दौरान उत्खनन के काम में बाधा डालने वाले लोगों के खिलाफ अब एफ आई आर की जाएगी इसके साथ ही शासकीय कार्य में बाधा डालने के मामले में प्रशासन से लिखित शिकायत कर असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के लिए सख्त कदम भी उठाए जाएंगे।

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