रायपुर

जिला हॉस्पिटल में 3 बच्चों की मौत, परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप, किसी परिजन ने दावा किया कि 3 नही 7 बच्चो की हुई है मौत….!

Advertisement

रायपुर – राजधानी रायपुर के जिला अस्पताल में रात 8 बजे के बाद 3 बच्चों की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल परिसर में हंगामा कर दिया। परिजनों का अस्पताल पर आरोप है कि तबीयत बिगड़ने पर बच्चों को बिना ऑक्सीजन लगाए ही बच्चों को दूसरे अस्पताल में रेफर किया जा रहा था। वहीं अस्पताल में मौजूद एक मरीज के परिजन ने दावा किया है कि 3 नहीं 7 बच्चों की मौत हुई है। उसने कहा कि मैंने अपनी आंखों से एक के बाद एक सात बच्चों के शव ले जाते देखे हैं।

Advertisement
Advertisement

एक बच्चे के पिता घनश्याम सिन्हा ने आरोप लगाया कि उसके बच्चे की स्थिति बिगड़ने के बाद डॉक्टरों ने एक प्राइवेट अस्पताल ले जाने को कह दिया। बच्चे की स्थिति गंभीर थी। उसे ले जाने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ती, लेकिन नहीं दिया गया। वे लगातार अस्पताल प्रबंधन के लोगों से सिलेंडर की मांग करते रहे। इस दौरान भर्ती दो और बच्चों की मौत हो गई और परिजनों का गुस्सा डॉक्टरों पर फूट पड़ा। हंगामे की सूचना पर पंडरी थाने से पुलिस भी पहुंच गई।

Advertisement

बच्चों के इंटेंसिव केयर यूनिट में काफी देर तक बवाल होता रहा। परिजनों को कोई सही जवाब नहीं दे रहा था। लगभग 2 से ढाई घंटे तक चले बवाल के बाद पुलिस के दखल की वजह से परिजन शांत हुए। रात 11 बजे तक तीनों बच्चों के शवों के साथ घरवाले लौट गए। अस्पताल प्रबंधन के लोग दूसरे परिजनों को समझाने में लग गए और माहौल शांत हुआ। वहीं अस्पताल प्रबंधन की तरफ से कहा गया कि बच्चों की मौत सामान्य थी।

Advertisement

बेमेतरा से आए एक परिजन ने बताया कि शाम के वक्त तीन बच्चों की मौत हुई। जिसके बाद हंगामा हो गया, लेकिन मंगलवार को दिनभर हर दूसरे घंटे में एक बच्चे का शव बाहर निकाला जा रहा था। उन्होंने कुल 7 बच्चों के शवों को यहां से ले जाते देखा। इनके दो बच्चों को यहां पिछले 3 दिनों से इलाज के लिए रखा गया है मगर उनकी स्थिति की कोई जानकारी अब तक इन्हें नहीं दी गई है। जिन बच्चों के शव निकले वे सभी बच्चे पिछले कई दिनों से यहां इलाज करा रहे थे। बेहद कमजोर थे और ICU में भर्ती किए गए थे।


15 जुलाई से यहां अपने बच्चे का इलाज करा रहे एक पिता ने बताया कि इतने दिनों में डॉक्टरों ने उसे कई तरह की बीमारियां बता दी। पहले दिन कहा कि किडनी खराब है। इसके बाद कह दिया कि दिल में छेद है। फिर कहने लगे कि आपके बच्चे की जिंदगी सिर्फ 10 मिनट के लिए है। अब तक बच्चे की स्थिति की सही जानकारी नहीं दी गई है। रायपुर से ही आए एक परिजन ने बताया कि ICU में बच्चों पर नियमों का हवाला देकर न तो देखने देते हैं न हाल बता रहे।

मंगलवार शाम पंडरी के जिला अस्पताल कैंपस में हुए इस बवाल की आंतरिक तौर पर जांच की जा रही है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने डॉक्टर से पूरी घटना की जानकारी मांगी है। बुधवार शाम तक अस्पताल प्रबंधन की तरफ से इस मामले में कुछ और तथ्य सामने आ सकते हैं। हालांकि अब तक इस घटना में डॉक्टर की लापरवाही मानने को अस्पताल तैयार नहीं है।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button