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वीर सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे’, उद्धव ठाकरे की राहुल गांधी को चेतावनी, कहा- लोकतंत्र बचाने के लिए साथ आए, दरार पैदा न करें

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(शशि कोन्हेर) : महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को चेतावनी दी है। ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी वीर सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी।

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मालेगांव में एक रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि आपने (राहुल गांधी) भारत जोड़ो यात्रा निकाली, उस दौरान हम भी आपके साथ थे, लेकिन मैं आपको खुले तौर पर बताना चाहता हूं कि सावरकर हमारे आदर्श हैं और हम उनका अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।

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उद्धव ने कहा कि आज मैं ये सार्वजनिक मंच से कह रहा हूं कि ये सब नहीं चलेगा। सावरकर ने जो यातनाएं सहीं वो कोई नहीं सह सकता। हम लोकतंत्र को बचाने के लिए एक साथ आए हैं। ऐसे बयान न दें, जिससे (शिवसेना और कांग्रेस के बीच) दरार पैदा हो।

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ठाकरे ने कहा कि जिस सावरकर ने 14 साल यातनाएं सह कर देश को आजादी दिलाई वो सावरकर भी स्वर्ग से देख रहे होंगे कि आज क्या चल रहा है। सावरकर भक्त हो तो लोकतंत्र बचाओ। इसलिए कह रहा हूं कि मुद्दे से भटकें नहीं, हम सावरकर भक्त हैं। महाराष्ट्र में ये लड़ाई मैं मुख्यमंत्री होने के लिए नहीं लड़ रहा हूं।

एकनाथ शिंदे को अपने पिता का नाम लेने में शर्म आती है: उद्धव ठाकरे
इस दौरान उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर भी निशाना साधा। ठाकरे ने कहा कि अपने पिता का नाम लेने में इन्हें शर्म आती है, इसलिए मेरे पिता का नाम लेते हैं। आज तो चुनाव आयोग केंचुआ हो गया है, बकरी कभी आवाज उठाती है क्या। महाराष्ट्र का तो वस्त्र हरण हुआ है।

मैंने बीजेपी छोड़ी, हिंदुत्व नहीं छोड़ा’
ठाकरे ने कहा कि बीजेपी वाले यह बताएं कि शिंदे की अगुवाई में चुनाव लड़ेंगे क्या। हिम्मत है तो तुरन्त चुनाव कराओ, आप मोदी के नाम पर लड़ो और मैं मेरे पिता के नाम पर लड़ूंगा, फिर देखते हैं कि कौन जीतता है। इनकी यानी कि भाजपा की पार्टी में सब भ्रष्ट लोग हैं, लेकिन इनके पास निरमा पावडर है।

जिसमें सब धुलकर साफ हो जाते हैं। इनके ऊपर कुछ कहा तो देश का अपमान होता है, मोदी के ऊपर कुछ कहा तो देश का अपमान होता है। इनका कहना है कि मोदी मतलब देश। क्या ये मंजूर कर सकते हैं आप मानते हैं इसे, इनके परिवार का कोई क्रांतिकारी देश के लिए फांसी चढ़ा क्या। मैंने इनका साथ छोड़ दिया तो कहते हैं कि मैंने हिंदुत्व छोड़ दिया।

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