मुंगेली

क्या बिना सेनापति के फिर मुंगेली जिला कांग्रेस लड़ेगी लोकसभा का युद्ध ?

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(मोहम्मद अलीम) : मुंगेली – प्रदेश की सत्ता में काबिज रहते हुए अपनी उपेक्षा झेलते मुंगेली जिले के कांग्रेसियों को सरकार जाने के बाद भी उसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के इस उपेक्षा के कारण लगता है कि जिले के बिना सेनापती के सिपाहियों की फौज अगला चुनाव निपटाएगी।मुंगेली कांग्रेस के कार्यकर्ता जिला अध्यक्ष की राह तकते नजर आ रहे है वही विधानसभा चुनाव के पहले से अपनी दावेदारी ठोकने वाले कार्यकर्ताओं को अभी भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अनदेखी का शिकार होना पड रहा है।

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गौरतलब है कि कुछ ही दिनों में लोकसभा का चुनाव होना है दूसरी पार्टियों के प्रत्याशी घोषित हो चुके है। मुंगेली जिला बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र अर्तगत आता है। एक तरफ जहां भाजपा ने बिलासपुर लोकसभा के लिए लोरमी से पूर्व विधायक रहे एवं वर्तमान में प्रदेश किसान मोर्चा अध्यक्ष की कमान सम्हाल रहे तोखन साहू को अपना प्रत्याशी घोषित करते हुए लोकसभा की तैयारिया प्रारंभ कर दी है । वही कांग्रेस अपने प्रत्याशियों को लेकर पशोपेश में नजर आ रही है। ऐसे में मुंगेली जिले के लिए दुबर में दो असाड की कहावत चरितार्थ हो रही है एक तरफ प्रत्याशियों का चयन, वही दुसरी तरफ मुंगेली जिला कांग्रेस को अपने सेनापति की तलाश है।

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ज्ञात हो विधानसभा चुनाव से पहले मुंगेली जिला कांग्रेस के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सम्हाल रहे जिलाध्यक्ष लोरमी विधानसभा से अपनी टिकिट की दावेदारी कर रहे थे, कितुं पार्टी द्वारा लोरमी विधानसभा चुनाव में पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी न बनाये जाने से नाराज हो कर उन्होने अपने पद और पार्टी से इस्तिफा दे दिया और जोगी कांग्रेस पार्टी का दामन थाम कर कांग्रेस के अधिकृति प्रत्याशी के विरूद्ध चुनाव लडा था, उनके इस्तिफे के बाद भी लगातार जिले के कांग्रेसी कार्यकर्ताओ ने अनगिनत बार जिलाध्यक्ष की दावेदारी के लिए प्रदेश की दौड लगाई किंतु प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कानो में जू तक न रेंगी, और बिना सेनापती के ही विधानसभा चुनाव में कार्यकर्ताओ ने चुनाव लडा । जिसका खामियांजा विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ा।अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या विधानसभा चुनाव की भांति आने वाले लोकसभा चुनाव में भी कार्यकर्ताओं को इसी तरह दिशाहीन मेहनत करनी पडेगी । विधानसभा चुनाव को हुए तकरीबन 3 माह हो चुके है परंतु जिला अध्यक्ष का पद अभी भी रिक्त है।

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ऐसा क्या कारण है कि मुंगेली जिला कांग्रेस होता है उपेक्षित –

मुंगेली जिला कांग्रेस की विडंबना है कि यहां हर छोटे बडे कार्यक्रमो में आलाकमान को रिझाने की कोशिश के चलते गुटबाजियां समय समय पर सामने आती रही है जिसको लेकर कई बार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी नाराजगी जाहिर की थी । चाहे स्वागत कार्यक्रम हो या फिर कोई अन्य कार्य बाहर से आये नेताओं में अपना वर्चस्व दिखाने की होड में हमेशा से वरिष्ठ कांग्रेसियों का अपमान किया जाता है जिसका दर्द वरिष्ठ कांग्रेसियों के चहेर पर साफ झलकता है। वही मुंगेली कांग्रेस की गुटबाजियों की चर्चाएं आज भी प्रदेश स्तर पर होती है जिसके चलते मुंगेली जिला कांग्रेस को उपेक्षा भरी निगाहो देखा जाता है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो लोकसभा चुनाव में जिला कांग्रेस की क्या भूमिका रहेगी ये तो भगवान ही जाने।

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