बिलासपुर

लोगों के साथ लाखों रुपए की ठगी करने वाले आशीष पात्रो पर क्यों मेहरबान है पुलिस..?

Advertisement

(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर – शहर में हाल ही में उजागर हुए जमीन के फर्जीवाड़े का आरोपी बनाकर पुलिस और प्रशासन ने भोंदू नाम के एक व्यक्ति को तो मामला उजागर होते ही ताबड़तोड़ गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन लोगों को रेलवे की नौकरी और रेलवे कैंटीन दिलाने के नाम पर भोंदू बनाकर उनसे लाखों रुपए की धोखाधड़ी करने वाला शख्स आशीष पात्रो पिता गणेश पात्रो और उसका सहयोगी आशीष कनौजिया आज भी आजाद घूम रहे हैं। इस शख्स पर कई लोगों से रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर लाखों रुपए झटकने के आरोप हैं। वही तोरवा और उसके साथ ही सिविल लाइन पुलिस में भी रेलवे के रिजर्वेशन सुपरवाइजर आशीष पात्रा नाम के इस महा ठग के खिलाफ कुछ और मामले दर्ज है। धोखाधड़ी के इस आरोपी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी निकला हुआ है। लेकिन मिलीभगत के चलते लोगों को लाखों का चूना लगाने वाला आशीष पात्रो अभी भी शायद नए शिकार की तलाश में आजाद घूम रहा है। सिविल लाइन थाने में लाखों की धोखाधड़ी के आरोपी आशीष पात्रों ने रेलवे में 2016 से ठेका कर्मी का काम करने वाले हेमू नगर निवासी भरत यादव से रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर 3 लाख 50 हजार रुपए झटक लिए। इसकी सबूतों और दस्तावेजों के साथ बाकायदा तोरवा थाने में रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद आशीष पात्रो पर पता नहीं क्यों पुलिस की मेहरबानी अभी तक बनी हुई है। पुलिस के द्वारा इस आरोपी को गिरफ्तार करने की बजाय वीआईपी ट्रीटमेंट देते हुए उसके साथ रहमदिली बरते जाने की चर्चा है। भरत यादव के द्वारा तोरवा थाने में आशीष पात्रों द्वारा की गई धोखाधड़ी के समस्त दस्तावेज और सबूत दिए जाने के बावजूद अभी तक उसे गिरफ्तार न करना समझ से परे है। रेलवे में रिजर्वेशन सुपरवाइजर इसी आरोपी आशीष पात्रो के द्वारा टिकरापारा जलाराम गली निवासी बलजीत सिंह चावला पिता मंगत सिंह चावला से भी रेलवे स्टेशन में कैंटीन दिलाने के नाम पर 15 लाख रुपए की धोखाधड़ी की जा चुकी है। जिसकी रिपोर्ट भी मय सबूत सिविल लाइन थाने में दर्ज है। इसके बावजूद उक्त आरोपी को गिरफ्तार करने से पुलिस क्यों परहेज कर रही है यह समझ के बाहर है। पुलिस की नजर अंदाजी का लाभ उठाकर यह व्यक्ति अभी भी आजाद घूम रहा है और यह भी हो सकता है कि इस दौरान वह किसी अन्य शिकार की तलाश कर रहा हो जिससे रेलवे में नौकरी लगाने अथवा रेलवे में कैंटीन दिलाने जैसे झांसे की आड़ में लाखों लाख रुपए वसूल कर सके। उम्मीद की जानी चाहिए कि पुलिस के उच्चाधिकारी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अपने अधीनस्थों को तत्परता पूर्वक ठोस कार्रवाई करने का निर्देश देंगे।

Advertisement
Advertisement

Advertisement

Advertisement
Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button