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जब राज्यपाल के, जय जय श्रीराम कहते ही…किसी‌ को मिर्ची लगी तो…..!

(शशि कोन्हेर) : मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम हमारे सबकी आराध्य देव हैं। जो नहीं है राम का वो नहीं किसी काम का..! हर शख्स जय जय श्रीराम का जयघोष काफी जोशोखरोश से लिया करता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या किसी प्रदेश के राज्यपाल अथवा मुख्यमंत्री क्या भगवान श्रीराम का यह जय घोष…जय-जय श्री राम” नहीं लगा सकते..? लेकिन हमारे देश में कुछ ऐसे लोग हैं यह ने राज्यपाल तो क्या किसी भी व्यक्ति के द्वारा जय जय श्री राम का जयघोष करने से मिर्ची लगती है। ऐसा ही मध्य प्रदेश में हो रहा है। जहां महामहिम राज्यपाल मंगू भाई पटेल गुरुवार की सुबह आगर मालवा जिले के भ्रमण पर थे. इसी दौरान लहसुनलिया गांव में एक शासकीय कार्यक्रम में जब मंगू भाई पटेल ने अपना भाषण शुरू किया। सबसे पहले तो मंच से उपस्थित जन समुदाय को जय श्री राम का नारा लगवाया. महामहिम ने यह नारा एक नहीं, दो नहीं, तीन-तीन बार मंच से दोहराया.

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उन्होंने जन समुदाय को जय श्री राम का नारा धीमी आवाज में बोलने पर हिदायत भी दी कि कौन नहीं बोला..? यहां पर सब दिखाई देता है मुझे. बस राज्यपाल के द्वारा जय जय श्री राम के नारे लगवाने से ऐसे ही तथाकथित प्रगतिशील लोगों को मिर्ची लगने लगी। और उन्होंने “इस या उस “के बहाने राज्यपाल के द्वारा भगवान श्री राम की जय जयकार करने पर शोर मचाना शुरू कर दिया गया है। इन लोगों का कहना है कि महामहिम यह भूल गए कि किसी भी शासकीय कार्यक्रम में किसी राज्यपाल को धर्म विशेष का नारा लगाना शोभा नहीं देता… राज्यपाल मंगू भाई पटेल भारत की सर्व धर्म समभाव की नीति का पालन करना शायद मुनासिब नहीं समझा. और जैसा कि उनकी आदत है… वे इस पूरी घटना पर सवाल उठ रहे हैं..? जबकि राज्यपाल के भगवान श्रीराम का जय घोष कराने पर वहां मौजूद जनसमुदाय काफी जोश में आ गया। और वह इसे कतई गलत नहीं मान रहे। इसके बाद भी अगर किसी को मिर्ची लग रही है तो उसका कोई उपाय नहीं है।

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