जब लंबे इंतजार के बाद भी,विवाह मंडप में नहीं पहुंचा दूल्हा.. तो दुल्हन और उसकी मां, दूल्हे के घर के सामने धरने पर बैठ गई
भुवनेश्वर।। प्रदेश के बैजनाथपुर में एक शादी ऐसी भी…जहां शादी के दूल्हा बारात लेकर नहीं पहुंचा तो दुल्हन अपनी मां के साथ उसके घर पहुंच गई और वहां पर धरना देने बैठ गई. बैजनाथपुर थाने के प्रभारी ने बताया, कि 25 वर्षीय एक महिला ओडिशा के बरहामपुर के ब्रम्हा नगर में अपने दूल्हे के घर के सामने मंगलवार से दो दिन तक दुल्हन के जोड़े में धरने पर बैठी हुई है. दोनों का विवाह सोमवार को होना था. लेकिन विवाह मंडप में दूल्हे के नहीं पहुंचने के कारण पहले तो दुल्हन और उसके परिवार ने लंबा इंतजार किया फिर उसके बाद दुल्हन और उसकी मां…दूल्हे के घर जाकर धरने पर बैठ गई। पुलिस ने क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए सीआरपीसी की धारा 107 लागू कर दी है और कार्यकारी मजिस्ट्रेट, बरहामपुर ने उसे शाम 4.30 बजे अपनी अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किया है. लेकिन, जब आखिरी बार रिपोर्ट आई तब तक शाम 6 बजे तक महिला ने ऐसा नहीं किया था. दुल्हन ने (जो एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी की बेटी है उसने) कहा कि उसने और उसके परिवार के सदस्यों तथा आमंत्रित लोगों ने सोमवार को विवाह स्थल पर दूल्हे का इंतजार किया। जब वह नहीं आया तो दुल्हन ने अपनी मां अन्य लोगों के साथ ब्रह्मा नगर स्थित दूल्हे के घर में घुसने की कोशिश की। लेकिन दूल्हे के माता-पिता ने घर के दरवाजे को मजबूती से बंद कर दिया। इसके बाद महिला वहीं सामाजिक कार्यकर्ता प्रमिला त्रिपाठी के साथ धरने पर बैठ गई। धरने पर बैठी दुल्हन ने आरोप लगाया कि उसके ससुराल वालों ने उसे प्रताड़ित किया इसके खिलाफ उसने हम महिला थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई है। दुल्हन के धरने पर बैठने से पूरे क्षेत्र में माहौल में कुछ इस तरह तनाव आ गया है कि पुलिस को वहां शांति कायम रखने के लिए आईपीसी की धारा 107 लगानी पड़ी है। दुल्हन का आरोप है कि उसके और दूल्हे के बीच पूर्व में एक मजिस्ट्रेट के सामने शादी हो चुकी थी। इसके बाद दोनों के घरवालों की रजामंदी से हिंदू रीति रिवाज से विवाह समारोह तय हुआ था। जिसमें बड़ी संख्या में मेहमानों को बुलाया गया था। इस लेकिन इस समारोह में लंबे इंतजार के बावजूद जब दूल्हा नहीं पहुंचा तब दुल्हन और उसकी मां, दूल्हे के घर जाकर धरने पर बैठ गई। अब दुल्हन का कहना है कि जब तक उसकी बात मान नहीं ली जाती तब तक वह धरने से नहीं उठेंगी।