छत्तीसगढ़

भारी बारिश में ग्रामीणों को किया बेघर-वन विभाग ने जबरिया तोडे ग्रामीणों के घर

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(शशि कोन्हेर) : बेलगहना वन परिक्षेत्र के सोनपुरी और उसके आश्रित ग्राम कसईबहरा में रहने वाले 5-6 ग्रामीणों के मकान वन विभाग के अधिकारियों ने जबरिया तोड़ डाले। भारी बारिश में मकान टूटने से यहां रहने वाले ग्रामीणों के सामने भरण पोषण और निवास की बड़ी समस्या आ खड़ी हुई है। मंगलवार को कसईबहरा के ग्रामीणों ने इस संबंध में कलेक्टर जनदर्शन में वन विभाग के बीट गार्ड शक्ति यादव के खिलाफ शिकायत की है।

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ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग के बीट गार्ड शक्ति यादव ने उनसे वन भूमि का पट्टा बनाने के नाम पर पूर्व में ही 10 – 10 हजार रुपए ले लिए थे इसके बावजूद बिना कोई नोटिस दिए जेसीबी चला कर उनके घरों को तोड़ दिया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव के सरपंच पति शत्रुघ्न भानु और उपसरपंच सुरेश तिवारी के कहने पर यह देश पूर्ण कार्यवाही सिर्फ उन्हीं के मकान पर की गई है।

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जबकि इस स्थान पर पिछले 20 सालों से 50 से भी अधिक परिवार निवासरत हैं। पूरे मामले में बेलगहना के वन परिक्षेत्र अधिकारी यानी रेंजर की संलिप्तता भी बताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक सरपंच और उपसरपंच सुरेश तिवारी भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी हैं जोकि इन ग्रामीणों को भाजपा के पक्ष में लाने के उद्देश्य से इन्हें जानबूझकर परेशान कर रहे हैं। कलेक्टर ने इस शिकायत के मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन ग्रामीणों को दिया है।

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इस जबरिया तोड़फोड़ की शिकायत पुलिस अधीक्षक और डीएफओ से भी की गई है। बहरहाल उच्चाधिकारियों द्वारा इस गंभीर मामले में क्या कार्रवाई की जाती है यह देखने वाली बात होगी।

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