बिलासपुर

स्पेशल स्टोरी : निगम के आधे सच से आशंकित हैं सब्जी विक्रेता….!

(दिलीप जगवानी) : बिलासपुर – बृहस्पति बाजार के चबूतरा धारी आशंकित है हटा दिए गए तो फिर वापस उन्हें जगह मिलेगी या नहीं? दूसरी तरफ नगर निगम कसमें खा रहा शानदार मल्टीलेवल मार्केट मे बसाया जाएगा. 60 साल पुरानी सब्जी मंडी तोड़ने निगम तैयार बैठा है.

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6 दशक पुराने बृहस्पति सब्जी मंडी के 200 से ज्यादा चबूतराधारी कागज का एक टुकड़ा मांग रहे हैं. जिस पर नगर निगम लिख कर दे कि यहां बनाए जाने वाले मल्टीलेवल बाजार में विस्थापितों को नि शर्त जगह दी जाएगी. दो दौर की बैठक के बाद भी दुकानदार अपनी जगह और वादे पर कायम है. बाजार के भीतर और बाहर बढ़ती आबादी और जरूरतें पूरा करने रोज भारी भीड़ उमड़ती है काफी साल हुए सड़क से दूसरे छोर पहुंचना लोगों के लिए मुश्किल हो गया है. ट्रैफ़िक नियन्त्रित करने पुलिस के पसीने छूटने लगते है.

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बिलासपुर स्मार्ट सिटी मे बदल रहा है लिहाजा ब्रहस्पति बाजार को स्मार्ट बनाने नगर निगम ने योजना बनायी है. बेसमेंट पार्किंग की सुविधा वाला मल्टीलेवल मार्केट बनाया जाएगा. निगम आयुक्त कह रहे पहले से ज्यादा बड़ा चबूतरा देंगे और इसके लिए कोई राशि नहीं देनी होगी. सुन्दर सुविधाजनक मार्केट की परिकल्पना से यहां व्यवसाय करने वालों को सरोकार नहीं है क्योंकि इससे उनके परिवार का भरण-पोषण अच्छे से होता है. लेकिन सरकारी फरमान आया है तो वे पास में वैकल्पिक स्थान मिशन स्कुल मैदान मे बाजार लगाने मान गए हैं केवल एक शर्त लिखकर दिया जाए. वो कहावत सुनी होगी दूध का जला छाछ भी फुंकार पीता है. शनिचरी बाजार से हटाने के बाद गरीब दुकानदारों का क्या हस्र हुआ था य़ह वे नहीं भूले है. सहयोग करने यही उनकी एक मात्र शर्त है।

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बैठक मे सभी को योजना की जानकारी देकर नगर निगम के अधिकारियों ने चबूतरा व्यवसाइयों को इसका फायदा गिनाया है. लेकिन क्या बात है कि अधिकारी अस्थायी विस्थापन की जगह तैयार नहीं कर रहे उनको किस बात का अंदेशा सता रहा है जबकि आयुक्त अमित कुमार दावा कर रहे लिखित आश्वासन दिया है. मल्टीलेवल बाजार विस्थापितों के लिए ही बनाया जा रहा है य़ह समय और बिलासपुर की मांग है.

लोकस्वर टीवी पर ब्रहस्पति बाजार की य़ह तस्वीर आखिरी हो सकती है. जिस तरह से इमली पारा और बस स्टैंड से व्यापरियों को हटाया गया यहां भी बुलडोजर चलाने निगम को वक्त नहीं लगेगा. फिल्हाल वो क्या आधा सच है जिस पर सब्जी विक्रेता पूरा विश्वास नहीं कर पा रहे दूसरी तरफ उनकी अगली पीढ़ी के लिए शानदार आफर चल कर आया है सुनकर वे आशान्वित भी है. लेकिन उन्हें कहना पड़ रहा कि अधिकारी आते जाते हैं साहब जुबान से तो कोई भी बोल सकता है हमारी जिंदगी बीत गई पीढ़ियों से इस बाजार में व्यवसाय कर रहे धोखे से खदेड़ दिए गए तो परिवार का क्या होगा?

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