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इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक में आग लगने की घटना से भड़के केंद्रीय मंत्री गडकरी…. सभी कंपनियों को भेजी नोटिस

(शशि कोन्हेर) : नई दिल्ली – इलेक्ट्रिक स्कूटरों और मोटरसाइकिलों में आग लगने की बढ़ती घटना के प्रति गंभीर होते हुए केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने उन सभी दोपहिया इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माताओं के सीईओ और एमडी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिनके इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में आग लग गई है। परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में इसकी जानकारी दी और बताया कि जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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जानकारी के लिए बता दें कि आग लगने की घटना की जांच के लिए सरकार ने एक कमेटी का गठन किया था। जांच का काम DRDO के तहत दिया गया था, जिसके रिपोर्ट्स को भी सरकार को सौंप दिया गया है। साथ ही परिवहन विभाग ने पहले ही आग लगने वाले दोपहिया वाहनों से संबंधित कंपनियों को अपने वाहनों को रिकॉल करने का अनुरोध कर चुकी है और दोषपूर्ण बैटरी के कारण होने वाली आग की घटनाओं के लिए उन्हें दंडित क्यों नहीं किया जाना चाहिए, इसके लिए कारण पूछा है।

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दिशानिर्देश जारी करने पर हो रहा काम
गडकरी ने 21 अप्रैल को घोषणा की थी कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए गुणवत्ता-केंद्रित दिशानिर्देश जारी करेगी। गौरतलब है कि DRDO के जांच रिपोर्ट के मुताबिक, ओकिनावा ऑटोटेक, प्योर ईवी, जितेंद्र इलेक्ट्रिक, ओला इलेक्ट्रिक और बूम मोटर्स जैसे इलेक्ट्रिक दोपहिया निर्माताओं ने शायद लागत कम करने के लिए निम्न-श्रेणी के सामानों का इस्तेमाल किया होगा, जिस वहज से इनके स्कूटरों में आग लगने की घटना सामने आई है। इसके बाद से ही इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल की जाने वाली बैटरी के लिए एक स्टैंडर्ड नियम की जरूरत महसूस की जा रही है।

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हालांकि, घटनाओं के मद्देनजर, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने लिथियम-आयन ट्रैक्शन बैटरी, “आईएस 17855: 2022” के लिए प्रदर्शन मानकों को पहले ही जारी कर दिया है।

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13 लाख से अधिक EV है रजिस्टर्ड
अभी कुछ दिन पहले नितिन गडकरी ने जानकारी दी थी कि भारत में कुल 13 लाख से भी अधिक इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर्ड है। हालांकि, इसमें आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और लक्षद्वीप के आंकड़े शामिल नहीं है। वहीं, EV के प्रोत्साहन के लिए इफास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग (FAME) II योजना के तहत 68 शहरों में 2,877 सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन और 9 एक्सप्रेसवे और 16 राजमार्गों पर 1,576 ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाए गए हैं।

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