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गोवा में कांग्रेस को बरगलाने का तृणमूल कांग्रेस का हर दांव गया बेकार

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(शशि कोन्हेर) नई दिल्ली। गोवा के चुनावी संग्राम में तोड़-फोड़ और पाला बदल के सहारे तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को किंगमेकर बनाने का चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) और ममता बनर्जी के तीन प्रमुख राष्ट्रीय सिपहसालारों के दांव को कांग्रेस ने चुनाव से पूर्व पहले राउंड की सियासत में ही फेल कर दिया है। राज्य में टीएमसी को चुनावी अखाड़े का गंभीर खिलाड़ी बनाने के पीके के ब्लूप्रिंट को हकीकत में तब्दील करने का जिम्मा पार्टी के तीन प्रमुख नेताओं डेरेक ओ ब्रायन, महुआ मोइत्रा और पवन वर्मा पर था, मगर कांग्रेस को साधने की इन तीनों की हर कोशिश नाकाम रही।

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गोवा के पहले ही अभियान में लगे इस झटके के बाद तृणमूल कांग्रेस के नेता राज्य में गठबंधन नहीं करने के लिए कांग्रेस को जमकर कोस ही नहीं रहे बल्कि सियासी हमले भी कर रहे हैं। जमीनी सियासी रिपोर्ट के आधार पर कहा जा रहा है, चूंकि कांग्रेस से गठबंधन नहीं हुआ है इसकी वजह से गोवा में टीएमसी के सामने विधानसभा चुनाव में खाता खोलने का भी संकट मंडराने लगा है।

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इसीलिए टीएमसी नेता अभी से यह कहने लगे हैं कि गोवा में भाजपा सत्ता में लौटी तो इसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार होगी। वैसे कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने बेबाकी से साफ कर दिया कि टीएमसी गोवा में अपने पांव फैलाने के लिए कांग्रेस के कंधे पर सवार होकर उसे ही काटने का जो दांव चल रही थी, उसके बाद चुनावी दोस्ती की दूर-दूर तक गुंजाइश नहीं थी।

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दरअसल पीके ने गोवा कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं को तोड़ने के बाद राज्य में पार्टी के हाईप्रोफाइल प्रचार अभियान के जरिये ऐसी फिजा बनाई कि तृणमूल कांग्रेस राज्य में गंभीर चुनावी खिलाड़ी नजर आने लगी।

समझा जाता है कि पीके ने ही इसके बाद टीएमसी के उत्साहित नेतृत्व को राज्य में कांग्रेस से गठबंधन के लिए हर दांव आजमाने की सलाह दी। लेकिन गठबंधन के लिए या गया है तृणमूल कांग्रेस का हर‌ दांव बेकार चला गया।

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