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2016 जैसी नहीं है इस बार की नोटबंदी….30 सितंबर के बाद भी वैध रहेगा 2000 का नोट

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(शशि कोन्हेर) : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को 2,000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की। हालांकि, यह नोट लीगल टेंडर यानी वैध मुद्रा के रूप में जारी रहेंगे। केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। 2000 के नोटों को बैंकों में 23 मई से जाकर बदला जा सकता है। आरबीआई ने शाम को जारी एक बयान में कहा कि अभी चलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे।

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आरबीआई ने बैंकों को 30 सितंबर तक ये नोट जमा करने एवं बदलने की सुविधा देने को कहा है। बैंकों में 23 मई से 2,000 रुपये के नोट बदले जा सकेंगे। लेकिन सूत्रों की मानें तो 30 सितंबर के बाद भी 2000 के नोट वैध बने रहेंगे। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्र के हवालों से लिखा है कि 2000 रुपये का नोट 30 सितंबर के बाद भी लीगल टेंडर रहेगा। आरबीआई को उम्मीद है कि बैंकों से नोट बदलने के लिए लोगों के लिए 4 महीने का समय पर्याप्त है।

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चलन में चल रहे 2000 रुपये के अधिकांश नोट 30 सितंबर की निर्धारित समय सीमा के भीतर बैंकों में वापस आ जाएंगे। यह आरबीआई की नियमित कवायद है और लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि एक बार में सिर्फ 20,000 रुपये मूल्य के नोट ही बदले जाएंगे। इसके साथ ही आरबीआई ने बैंकों से 2,000 रुपये का नोट देना तत्काल प्रभाव से बंद करने को कहा है।

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ज्ञात हो कि 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने टीवी संबोधन में नोटबंदी की घोषणा की थी। घोषणा के तुरंत बाद से ही 500 और 1,000 रुपये के नोट चलन से बाहर हो गए थे। यानी नोटबंदी के तुरंत बाद 500 और 1,000 रुपये के नोट कागज का महज एक टुकड़ा बनकर रह गए थे। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। 2,000 रुपये के नोट कानूनी मुद्रा बने रहेंगे। अपनी प्रेस विज्ञप्ति में, आरबीआई ने कहा कि लोग 23 मई से अपने 2,000 रुपये के नोट अपने बैंक खातों में जमा कर सकते हैं। इसके अलावा, वे चाहे तो उन्हें दूसरे नोटों से बदल भी सकते हैं।

गौरतलब है कि आरबीआई ने 8 नवंबर 2016 में 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट चलन से हटाने के बाद 2,000 रुपये के नोट जारी किए थे। 2,000 के करेंसी नोट को आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 24(1) के तहत पेश किया गया था। 2018-19 में ही 2,000 रुपए के नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी।

आरबीआई द्वारा 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने का एक कारण ये भी है कि जनता द्वारा आम तौर पर लेनदेन के दौरान इतने बड़े नोट का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था। 2000 के नोट को छुट्टे कराने में भी दिक्कतें आ रही थीं। आरबीआई ने कहा कि इन नोटों की वैल्यू में पिछले कुछ वर्षों में गिरावट आई है। यही वजह की 2000 के नोटों की छपाई भी बंद कर दी गई थी। 31 मार्च, 2023 तक 2000 के नोटों का केवल 10.8 प्रतिशत हिस्सा ही प्रचलन में था। यानी ये नोट पहले से ही मार्केट से धीरे-धीरे गायब हो रहा था। अब RBI ने इसे पूरी तरह के वापस लेने का फैसला किया है।

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