छत्तीसगढ़बिलासपुर

उन्हें ना पुलिस का डर..ना नियमों की परवाह… वे रात 2 बजे और उसके बाद भी, सरेआम बार खुले रखकर शराब बेच रहे..ऐसे बार मालिकों से बिलासपुर को, कब “निजात” दिलाएगी बिलासपुर पुलिस

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(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर :  बिलासपुर में 21 जुलाई 2016 को हुई अनंत संभावनाओं वाले युवक गौरांग बोबडे की दिल दहलाने वाली हत्या आज भी बिलासपुर शहर के लोगों को याद है। यह हत्या शत प्रतिशत नहीं होती। अगर बिलासपुर के मैग्नेटो माल में चल रहा वाइन बार नियमों के मुताबिक रात को 11 बजे बंद कर दिया जाता। लेकिन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बार संचालक रात को 2 बजे के बाद भी धज्जियां उड़ाते हुए रात को 2 बजे के बाद भी बार खुला रखकर कुछ चुनिंदा यूवको को शराब परोसने का काम करते रहे।

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इतनी रात के बाद शराब के नशे में चूर इन युवकों के बीच कुछ ऐसा हुआ। जिसके कारण गौरांग  बोबड़े नामक युवक सीढ़ियों के नीचे मृत पड़ा मिला। और उसके साथ रात 2 बजे तक शराब पी रहे साथी युवक मौके से गायब हो गए। इसी घटना ने बाद में गौरांग बोबड़े हत्याकांड की वह पटकथा लिखी, जिसकी सुनवाई आज भी कोर्ट में चल रही है। इसके हत्याकांड के बाद कुछ दिनों तक जरूर बिलासपुर में वाइन बार रात को 10 बजे तय समय से बंद होते रहे। लेकिन अब फिर शहर में चल रहे अधिकांश वाइन बार (शराब खाने) कानून प्रशासन पुलिस आबकारी सरकार से बिना डरे धड़ल्ले से रात को 2 बजे तक शराब परोस रहे हैं। और बेच रहे हैं।

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जिला पुलिस अधीक्षक श्री संतोष कुमार सिंह के निजात अभियान के तहत राज 10 बजे के बाद नशे में सड़कों पर दिखने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है। लेकिन रात 11 बजे के बाद भी 2 बजे तक खुले रहने वाले तथा शराब बेचने और परोसने वाले बार (शराब खाने) के संचालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती। इसे ऐसा भी कह सकते हैं कि शायद कानून के हाथों में अब इतनी ताकत नहीं रह गई है कि वह कानून का उल्लंघन करने वाले बिलासपुर के ऐसे चंद उच्छृंखल बार संचालकों के खिलाफ कार्रवाई कर सके।

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गौरांग बोबडे की तरह 2 दिन पूर्व शहर में जिस तरह रात 12 बजे के बाद गैंगवार जैसे हालात सीसीटीवी के जरिए सामने आए। ऐसी ही घटनाएं देर रात को शहर के विभिन्न इलाकों में होने की सूचनाएं रहती हैं जिनमें से केवल कुछ ही पुलिस तक पहुंच पाती है। बिलासपुर शहर में लगभग 12 वाइन बार (शराब खाने) हैं. इनमें से कुछ को छोड़कर अनेक वाइन बार रात को दो बजे के बाद भी खुले रहते हैं। और वहां बकायदा शराब परोसी तथा पिलाई जाती है। आश्चर्य की बात यह है कि शहर के अधिकांश वाइन बार अग्रसेन चौक से लेकर तार बाहर नाका चौक और टैगोर चौक से लेकर बस स्टैंड तथा अग्रसेन चौक तक ही स्थित है।

मतलब यह कि अगर पुलिस चाहे तो इतने सीमित क्षेत्र में असीमित कठोर कार्रवाई कर सकती है। बिलासपुर में वाइन बार हर हाल में रात को 11 बजे बंद कर दिए जाने चाहिए। लेकिन इसके 3 घंटे बाद भी अर्थात 2 बजे तक अनेक बार धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। इनमें से कुछ बार शहर के विख्यात बाहुबलियों की छत्रछाया में चल रहे हैं। जिन्हें राजनीतिक संरक्षण भी मिला हुआ है। और शायद यही पुलिस की लाचारी है का कारण भी है।

अग्रसेन चौक से बस स्टैंड तक जाने वाली सड़क पर एक ऐसा वाइन बार भी है जो रोज रात 2 बजे के बाद भी खुला रहता है। और इसके बाद सुबह 4 बजे तक पार्सल की सुविधा के साथ भी शराब बेधड़क उपलब्ध रहती है। शराब का सीधा संबंध अपराध से है। और अगर बिलासपुर पुलिस यह चाहती है कि बिलासपुर में शांति व्यवस्था अमन चैन कायम रहे। तो उसे बिलासपुर शहर के सभी वाइन बार संचालकों को सख्त नियंत्रण में रखना होगा। अन्यथा किसी दिन गैंगवार अथवा 21 जुलाई 2016 को हुए गौरांग बोबडे हत्याकांड की तरह किसी और गंभीर घटना का कलंक, बिलासपुर के माथे पर लग सकता है।

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