बिलासपुर

वाणीराव के महापौर कार्यकाल में भी रावण दहन को लेकर हुआ था विवाद…..

Advertisement

(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। बात शायद 12 साल पुरानी है। तब श्रीमती वाणी राव बिलासपुर शहर की महापौर हुआ करती थी। जबकि श्री अमर अग्रवाल उस समय बिलासपुर से विधायक और प्रदेश के नगरीय निकाय तथा वित्त मंत्री भी थे। उस वक्त भी पुलिस मैदान में होने वाले विजयादशमी उत्सव और रावण दहन में मुख्य अतिथि को लेकर काफी खींचतान मची थी।

Advertisement
Advertisement

नगर निगम के द्वारा पुलिस मैदान में दशहरा उत्सव मनाने की शुरुआत के पहले ही बाकायदा प्रस्ताव पारित कर यह निर्णय लिया जा चुका था निगम के दशहरा में बिलासपुर शहर के विधायक ही मुख्य अतिथि रहेंगे..फिर वे किसी भी पार्टी के क्यों न हों। श्रीमती वाणी राव लगभग 10,000 से भी अधिक मतों से कांग्रेस के टिकट पर महापौर निर्वाचित हुई थी। और उनके तथा नगर विधायक अमर अग्रवाल के बीच “इगो” को लेकर शीत युद्ध चल रहा था।

Advertisement

शीत युद्ध के कारण दोनों के बीच संबंध भी उस वक्त काफी तल्ख हो गए थे। इसके चलते ही ऐसा कहा जाने लगा कि नगर निगम के पुलिस मैदान वाले दशहरा उत्सव में अमर अग्रवाल को बतौर मुख्य अतिथि नहीं बुलाया जाएगा। यह वह दौर था जब अमर अग्रवाल बिलासपुर के विधायक के साथ साथ नगरीय प्रशासन मंत्री भी थे।

Advertisement

इस रस्साकशी ने काफी गंभीर रूप ले लिया था।तब महापौर श्रीमती वाणी राव शहर विधायक और मंत्री अमर अग्रवाल को मुख्य अतिथि के रुप में आमंत्रित निमंत्रित करने के मूड में बिल्कुल नहीं थी। इस खींचतान ने प्रतिष्ठा की लड़ाई का रूप ले लिया। और बात तब के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह तक जा पहुंची। फिर पता नहीं किसी तरह…और क्या हुआ..कि दशहरे के दो-तीन दिन पहले-पहले पूरा मामला कुछ इस तरह ठंडा पड़ गया… मानो किसी ने उस पर पानी डाल दिया हो। और तब श्री अमर अग्रवाल को ही नगर निगम के दशहरा उत्सव कार्यक्रम का मुख्य अतिथि बनाया गया। और उन्होंने ही रावण दहन की जिम्मेदारी का निर्वहन किया।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button