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रामदेव बाबा के रस्सी खींचने पर नहीं फहराया तिरंगा.. किसी ने जोर लगाया तो टूट गया डंडा

आजादी के 75 साल पूरे होने पर देश स्वतंत्रता दिवस को अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है। जिसको लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। वहीं 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उत्तराखंड में बहादराबाद के बुड्डाहेड़ी गांव में बतौर मुख्य अतिथि ध्वजारोहण के लिए पहुंचे, योगगुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण। उनकी मौजूदगी में राष्ट्रीय ध्वज जिस डंडे से बंधा था वह टूट गया। गनीमत यह रही कि युवाओं ने ध्वज को जमीन पर नहीं गिरने दिया। इसके बाद दोबारा ध्वजारोहण किया गया।

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बता दें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर योग गुरु बाबा रामदेव सोमवार को बहादराबाद थाना क्षेत्र के बुड्ढाहेड़ी गांव स्थित मदरसे में बतौर मुख्य अतिथि ध्वजारोहण करने के लिए आचार्य बालकृष्ण के साथ पहुंचे। इस मौके पर योगगुरु बाबा रामदेव ने ध्वजारोहण के लिए जैसे ही रस्सी को खींचा राष्ट्रीय ध्वज नहीं खुला और साथ में उपस्थित आचार्य बालकृष्ण ने भी ध्वज को खोलने का प्रयास किया, लेकिन ध्वज नहीं खुला। शायद रस्सी में गांठ गलत बंध गई थी। इस दौरान पास में खड़े एक व्यक्ति ने रस्सी को हाथ में लेकर तेजी से खींचना शुरू कर दिया। उनके द्वारा रस्सी इतनी तेज खींची गई कि ध्वज जिस डंडे में बांधा गया था वह डंडा ही टूट गया।

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डंडा टूटने के बाद ध्वज नीचे की ओर गिरने लगा, लेकिन तभी छत पर खड़े युवाओं ने उसे पकड़ लिया। उन युवाओं ने ही झंडे की गांठ को हाथों से खोला और फिर आचार्य बालकृष्ण ने युवाओं से झंडे को फिर से बांधने की बात कही। इस घटना के बाद योगगुरु रामदेव कुछ देर सकपका गए। इस दौरान उनके सिर पर पहनी गई तिरंगे की पगड़ी भी जमीन पर जा गिरी, यह पूरी घटना मीडिया के कैमरों में कैद हो गई।

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