देश

सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश में हुए कथित एक हजार करोड़ के फर्जी अस्पताल घोटाले मामले में एमके राउत और विवेक ढांड का पक्ष सुनते हुए हाईकोर्ट से सुनवाई को कहा है…..

Advertisement

रायपुर कुशालपुर निवासी कुंदन सिंह ठाकुर ने प्रदेश में प्रशासनिक लगाम संभालने वाले कुछ IAS अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एक जनहित याचिका दायर कर रिटायर्ड अफसरों द्वारा बड़ी गड़बड़ी करने का दावा है। बताया गया है कि सूचना के अधिकार के तहत जानकारी हासिल करने पर कई तथ्य सामने आए हैं। पता चला है कि नया रायपुर स्थित इस कथित नि:शक्त जन अस्पताल को एक NGO द्वारा चलाया जा रहा है। अस्पताल में करोड़ों की मशीनें खरीदी गईं हैं। रखरखाव में भी करोड़ों का खर्च आना बताया गया। तब ये जानकारी सामने आई कि न कोई अस्पताल है न कोई NGO, सब सिर्फ कागजों में है। मामला साल 2015-2016 के आसपास का है।

Advertisement
Advertisement

ज्ञातव्य हो कि साल 2018 में जनहित याचिका एडवोकेट देवर्षि ठाकुर के माध्यम से पेश की गई। मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि ये 1 हजार करोड़ का घोटाला है। मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने साल 2019 में हुई सुनवाई में घोटाले में शामिल अफसरों पर एफआईआर दर्ज कर करने के निर्देश दिए। तब महाधिवक्ता ने शासन का पक्ष प्रस्तुत किया उन्होंने बताया था कि CBI की जगह यह मामला राज्य पुलिस को सौंपा जाए।

Advertisement

सरकार की तरफ से कहा गया कि पुलिस जो जांच करे उसे स्वयं हाईकोर्ट अपनी निगरानी मे रखे। दूसरी तरफ रिटायर्ड IAS और प्रदेश के मुख्य सचिव रह चुके विवेक ढांढ और एम के राउत ने सुप्रीम कोर्ट में SLP दायर की थी। इसी पर सुनवाई करते हुए अदालत ने अब हाईकोर्ट को सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं।

Advertisement

बता दें कि कुंदन सिंह ठाकुर की ओर से अधिवक्ता देवर्षि ठाकुर ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। इसमें बताया गया था कि राज्य के 6 आईएएस अफसर आलोक शुक्ला, विवेक ढांड, एमके राउत, सुनील कुजूर, बीएल अग्रवाल और पीपी सोती समेत सतीश पांडेय, राजेश तिवारी, अशोक तिवारी, हरमन खलखो, एमएल पांडेय और पंकज वर्मा ने फर्जी संस्थान स्टेट रिसोर्स सेंटर (SRC) (राज्य स्रोत नि:शक्तजन संस्थान) के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाला किया है। इसी मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने CBI से इस पर FIR दर्ज कर जांच करने कहा था। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। अब ये केस फिर से चर्चा में आ गया है। इस पर हाईकोर्ट अब सुनवाई की प्रक्रिया पूरी करेगा। (व्हाट्सएप्प ग्रुप न्यूज कोरिडोर परिचर्चा से साभार)

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button