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आदतन बदमाश ऋषभ पनिकर के पिता संजय पनिकर का नाम भी आया सामने,पुलिस का दावा जल्द होंगी सभी की गिरफ़्तारी

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(आशीष मौर्य) : बिलासपुर – दयालबंद में शिखा वाटिका के संचालक के खुदकुशी के मामले में पुलिस ने उसके बेटे-बहू व आदतन बदमाश सहित तीन के खिलाफ जुर्म दर्ज किया। सुसाइड नोट में बेटे बहू के अलावा जिस आदतन बदमाश ऋषभ पनिकर का नाम सामने आया है, बताया जा रहा है कि उसके पिता संजय पनिकर भी मृतक छेदीलाल कश्यप को मानसिक रूप से प्रताड़ित करता था.

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मृतक छेदीलाल कश्यप

पुलिस ने कमरे में मिले सुसाइड नोट के आधार पर यह कार्रवाई की है, जबकि ऋषभ के पिता के अलावा और भी लोग पटना में शामिल थे जिनका नाम पुलिस ने खोज निकाला है , घटना 24 मार्च को हुई थी। 23 दिन बाद पुलिस ने इस मामले में जुर्म दर्ज किया। दयालबंद मधुबन रोड निवासी छेदीलाल कश्यप (68) का मकान है और वे मधुबन रोड स्थित शिखा वाटिका व शिखा पब्लिक स्कूल के संचालक थे।वे शादीघर के करीब ही एक नया ऑफिस बनवा रहे थे। शुक्रवार की दोपहर करीब 2 बजे छेदीलाल का शव निर्माणाधीन ऑफिस के भीतर फांसी के फंदे पर लटकता मिला। पुलिस को पुराने ऑफिस में दो पन्ने की चिट्ठी मिली।इसमें जमीन विवाद के चलते अपने बड़े बेटे विक्रमम कश्यप-बहू पूनम कश्यप व बहु के रिश्तेदार आदतन बदमाश ऋषभ पानिकर को अपनी खुदकुशी के लिए जिम्मेदार बताया है। तीनों के खिलाफ धारा 306 के तहत कार्रवाई की गई। पुलिस ने बताया सभी आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।

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ऋषभ पानिकर

सुसाइड नोट: गुंडों से पिटवाया, 12.50 डिसमिल जमीन दी, ऐसी संतान किसी के घर पैदा न हो…

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आज मैं जीवन का अंत करने जा रहा हूं। मैं अपने लड़के विक्रम कश्यप (विक्की) से बहुत ज्यादा त्रस्त परेशान हो गया हूं। मैं दो साल से डिप्रेशन में हूं इसलिए मैंने मरने का फैसला कर लिया है। सन् 2020 में शिखा वाटिका में मेरे गैर हाजिरी में दो कमरों का ताला तोड़कर विक्रम व पूनम पानिकर ने कब्जा कर लिया था। सिटी कोतवाली पुलिस ने मजिस्ट्रेट के आदेश पर इसे खाली कराया था। इसी दौरान विक्रम व पूनम ने मुझे गुंडों से पिटवाया था।

कुछ दिनों के बाद विक्रम शिखा वाटिका में चार गुंडों को लेकर आया। ऋषभ पानिकर और अन्य जिनकों मैं नाम से नहीं जानता। मुझे फिर विक्रम कश्यप ने धमकी दी। विक्रम को पूनम के परिवार वाले संजय पानिकर के लोग सपोर्ट करते हैं। सन् 2014 में विक्रम की सहमति से अपनी जमीन पर मकान बनवा कर उसके रहने की व्यवस्था की, क्योंकि मुझे पांच वर्षाें से उसके घर का किराया और अन्य खर्च के लिए पैसे देने पड़ते थे।

सन् 2016 में मकान तैयार हो गया और हैंडओवर कर दिया, जब से आज दिनांक तक उस मकान में रहने नहीं गया। उस मकान को किराए पर देकर कमाई करने लगा। उसके बाद 2019 तक आए दिन पैसों की मांग करता था, जबकि वह खुद तारबाहर में मोबाइल दुकान चलाता था और और किसी बहाने से पैसे लेने जा जाता था। विक्रम ने सिविल कोर्ट में मुकदमा दायर किया था कि शिखा वाटिका में उसका भी हक व हिस्सा है।

कार्रवाई के लिए पत्नी ने थाने में दिया आवेदन

मृतक की पत्नी रानी कश्यप ने इस मामले में सिटी कोतवाली पुलिस को आवेदन दिया था। इसमें अपने पति छेदीलाल पिता स्व अनंतु लाल कश्यप के बारे में बताया कि उन्होंने अपने बड़े बेटे विक्रम कश्यप और बहू पूनम पानिकर से प्रताड़ित होने के बाद खुदकुशी कर ली है। मरने से पहले उन्होंने सुसाइड नोट लिखा है, इसमें इस बात का उल्लेख है।

” छेदीलाल कश्यप ने खुदकुशी के लिए जिन्हें भी जिम्मेदार बताया है, उनके खिलाफ जुर्म दर्ज किया गया है। ऋषभ पनीकर के पिता संजय पनीकर का नाम भी सुसाइड नोट में है, सबूत इकट्ठे किए जा रहे हैं।” -प्रदीप आर्या, टीआई

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