पंजाब सरकार ने सख्त स्टैंड लेते हुए कहा कि न तो DGP बदलेंगे और न ही एडवोकेट जनरल…..
(शशि कोन्हेर) : पंजाब कांग्रेस समिति के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू की तरफ से नियुक्तियां को लेकर दिए गए इस्तीफे के बावजूद पंजाब सरकार ने यह सख्त स्टैंड लिया है कि वह दबाव में आकर न तो नए डी.जी.पी. इकबालप्रीत सिंह सहोता को बदलेंगे और न ही एडवोकेट जनरल ए.पी. एस. दयोल को। यह दोनों नियुक्तियां मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की तरफ से गई हैं।
उच्च स्तरीय सरकारी सूत्रों ने देर रात बताया कि मुख्य मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आज एक उच्च स्तरीय मीटिंग की थी जिसमें गृह मंत्री सुखजिंद्र सिंह रंधावा और कुछ ओर मंत्री शामिल हुए थे। मीटिंग में यह तय किया गया कि डी.जी.पी. और एडवोकेट जनरल को लेकर किया गया फैसला उचित है। मीटिंग में यह राय थी कि यदि सरकार अपने फैसले से पीछे हटते हुए इन नियुक्तियों को रद्द करती है तो विरोधियों को सरकार पर राजनीतिक हमला करन का मुद्दा मिल जाएगा और कांग्रेस सरकार की फिर से किरकिरी होगी। मुख्यमंत्री चन्नी ने एडवोकेट जनरल को बदलने से इंकार कर दिया था।
आज हुई बैठक में मुख्यमंत्री और गृह मंत्री दोनों ने डी.जी.पी. इकबालप्रीत सिंह सहोता और नए एडवोकेट जनरल दयोल को कहा कि वह अपना काम जारी रखे। मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि दयोल की नियुक्ति को लेकर इतना बवाल क्यों मचाया जा रहा है। दयोल तो एक समय पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंद्र सिंह के मामलों से भी लड़ते रहे हैं। यदि उन्होंने सुमेध सैनी का केस लड़ा तो ऐसा करके उन्होंने अपने वकील होने का अपना फर्ज निभाया। अब जबकि उनकी नियुक्ति एडोवेकट जनरल के रूप में हो चुकी है, इसलिए सरकार के मामलों को बढ़िया ढंग के साथ लड़ेंगे। सरकारी हलकों ने बताया कि सरकार में यह भी प्रभाव पाया जा रहा है कि यदि इन नियुक्तियों को सरकार रद्द करती है तो इसके साथ विरोधियों को यह कहने का मौका मिल जाएगा कि नवजोत सिंह सिद्धू रिमोट कंट्रोल के साथ सरकार चला रहे हैं। जबकि कांग्रेस हाईकमान ने सिद्धू के मामलो में ज्यादा रूचि नहीं दिखाई है। इसलिए माना जा रहा है कि दोनों सीनियर अधिकारी अपनी-अपने पदों पर काम करते रहेंगे।