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सुप्रीम कोर्ट का केंद्र, राज्य और बागी गुट को नोटिस, 5 दिन में मांगा जवाब 11 जुलाई को होगी सुनवाई 

(शशि कोन्हेर) : मुंबई – सुप्रीम कोर्ट से बागी विधायकों को मिली राहत के बाद एकनाथ शिंदे का बड़ा बयान सामने आया है। एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह बाला साहेब ठाकरे के हिंदुत्व की जीत है। वहीं, शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के बेटे और पार्टी सांसद श्रीकांत शिंदे ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने दबाव में यह नोटिस जारी किया था। शिंदे ने कहा कि उनके पिता और 15 अन्य असंतुष्ट विधायकों को डिप्टी स्पीकर ने दबाव में आकर अयोग्यता का नोटिस भेजा था जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश से स्पष्ट है।

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शिवसेना के बागी विधायकों को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष के समक्ष अयोग्यता की कार्यवाही को 11 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने बागी विधायकों द्वारा उनकी अयोग्यता की मांग वाले नोटिस की वैधता पर सवाल उठाने वाली याचिकाओं पर प्रतिक्रिया मांगी है।

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सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि, महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर कोई अंतरिम आदेश पारित करने से इन्कार कर दिया कि विधानसभा में कोई फ्लोर टेस्ट नहीं होना चाहिए और कहा कि वे अवैधता के मामले में हमेशा संपर्क कर सकते हैं।

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सुप्रीम कोर्ट में आज हुई सुनवाई पर कल्याण से सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा कि ‘तुगलकी फरमान’ (अयोग्यता नोटिस) दबाव में जारी किया गया था और अदालत ने आज यह दिखा दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विधानसभा में स्पीकर के अधिकार होते हैं। अगर कोई विधायिका में व्हिप के खिलाफ जाता है तो उसके पास शक्ति होती है। यह किसी भी बैठक में नहीं आने वाले किसी व्यक्ति पर लागू नहीं होता है।

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बता दें कि श्रीकांत के पिता और शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व कर रहे हैं और शिवसेना के अधिकांश विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं।

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