सुप्रीम कोर्ट ने बिलासपुर सिटी कोतवाली के सामने से गुमटी हटाने के मामले, छत्तीसगढ़ शासन व ननि आयुक्त से शपथ पत्र में जवाब मांगा
(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। सुप्रीम कोर्ट ने सिटी कोतवाली के सामने से गुमटी हटाने व उन्हें नए जगह में शिफ्ट नही करने पर प्रस्तुत एसएलपी पर सचिव नगरीय प्रशासन छत्तीसगढ़ शासन, आयुक्त नगर निगम बिलासपुर को शपथ पत्र प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने मामले को अंतिम सुनवाई हेतु 17 जनवरी 22 को रखा है।
सेटअप योजना के तहत छोटे व्यवसायियों को सिटी कोतवाली के सामने गुमटी आवंटित किया गया था। वर्ष 2016-2017 में गुमटियों के कारण यातायात बाधित होने पर गुमटी हटाने नोटिस दिया गया। व्यवसायियों ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर अन्यत्र जगह दिए जाने की मांग की गई। इस पर नगर निगम बिलासपुर की ओर से कोर्ट में अंडरटेकिंग दिया गया कि तीन दिन के अंदर सभी गुमटियों को शनिचरी बाजार क्षेत्र के चौपाटी में शिफ्ट कर दिया जाएगा। इस आधार पर कोर्ट ने याचिका को निराकृत कर दिया। इसके बाद भी जगह नही मिलने पर इंदर पाल सहित अन्य ने अधिवक्ता कौस्तुभ शुक्ला व पलास तिवारी के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी प्रस्तुत की। नोटिस पर नगर निगम बिलासपुर व राज्य शासन ने जवाब पेश किया। जवाब में कहा गया कि सभी गुमटियों को चौपाटी में शिफ्ट कर दिया गया है और वे वहाँ अपना व्यवसाय कर रहे है। शासन के इस जवाब पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने आपत्ति करते हुए कोर्ट को बताया कि जहाँ शिफ्ट करने की बात कही जारही है वह राज्य सरकार की नजूल जमीन है। नजूल अधिकारी ने पहले ही उक्त जमीन किसी को भी नही देने नोटिस जारी किया है। जो जमीन निगम की नहीं है उसे कैसे आवंटित किया जा सकता है। किसी भी गुमटी व्यवसायी को जमीन नही दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए सचिव नगरीय प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ शासन आयुक्त नगर निगम बिलासपुर को तीन सप्ताह में शपथ पत्र प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। 17 जनवरी 22 को अंतिम सुनवाई हेतु रखा है।