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चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर भड़का सुप्रीम कोर्ट, अफसर को लताड़ा..

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बैलेट पेपर से छेड़छाड़ करने के आरोपों में सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। शीर्ष अदालत ने सोमवार को केस की सुनवाई करते हुए कहा कि यह साफ है कि चुनाव अधिकारी ने बैलेट पेपर्स में गड़बड़ी कर दी। बेंच की अध्यक्षता कर रहे चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘क्या इस तरह से चुनाव कराए जाते हैं? यह लोकतंत्र का मजाक है। यह लोकतंत्र की हत्या है। हम हैरान हैं। इस शख्स पर केस चलना चाहिए। क्या चुनाव अधिकारी का ऐसा बर्ताव हो सकता है?’ इसके साथ ही अदालत ने आदेश दिया कि बैलेट पेपर समेत चुनाव से जुड़ी सभी चीजों को सुरक्षित रखा जाए।

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सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को आदेश दिया कि वह चुनाव प्रक्रिया की वीडियोग्राफी समेत सभी चीजों को सुरक्षित रखें। यही नहीं अदालत ने चंडीगढ़ नगर निगम की होने वाली मीटिंग को भी अगली सुनवाई तक के लिए स्थगित कर दिया है। चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को पराजित घोषित किया गया था और उन्होंने इस नतीजे को गलत बताते हुए आरोप लगाया था कि हमारे पार्षदों के वोटों से छेड़छाड़ की गई है। चुनाव नतीजे को चुनौती देते हुए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। उन्होंने अदालत से मांग की थी कि भाजपा के कैंडिडेट मनोज सोनकर की जीत पर स्टे लगाया जाए।

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इस चुनाव में 8 वोटों को अवैध करार दिया गया था, जो कांग्रेस एवं आम आदमी पार्टी के पार्षदों के थे। इससे पहले चुनाव में आप एवं कांग्रेस गठबंधन का दावा था कि उनके पास 20 वोट हैं और उन्हें ही जीत मिलेगी। वहीं जब वोटिंग के बाद नतीजा आया तो 8 वोट अवैध घोषित कर दिए गए और भाजपा कैंडिडेट को 16 वोटों के साथ जीता हुआ बताया गया। आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार को 12 वोटों के साथ पराजित घोषित किया गया। इस नतीजे के बाद कुलदीप कुमार फूट-फूटकर रोने लगे थे। यही नहीं आम आदमी पार्टी ने बीते सप्ताह दिल्ली में प्रदर्शन भी किया था। आम आदमी पार्टी ने तो इस मामले में भाजपा सरकार पर ही बेईमानी का आरोप लगाया था।

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अधिकारी को बता दो, सुप्रीम कोर्ट उन्हें देख रहा है

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चीफ जस्टिस ने अपनी विस्तृत टिप्पणी में कहा, ‘यह स्पष्ट है कि चुनाव अधिकारी ने बैलेट पेपर्स से छेड़छाड़ की। उनके खिलाफ केस चलाना चाहिए। वह कैमरे में क्यों देख रहे थे? मिस्टर सॉलिसिटर, यह लोकतंत्र का मजाक है और लोकतंत्र की हत्या है। हम हैरान हैं। क्या एक चुनाव अधिकारी का ऐसा बर्ताव होना चाहिए? यह बहुत गलत बात है। कृपया करके चुनाव अधिकारी को यह बताएं कि सुप्रीम कोर्ट उन्हें देख रहा है।’ सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब आंदोलन पर उतरी आम आदमी पार्टी भाजपा सरकार पर हमलावर हो सकती है।

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