छत्तीसगढ़

परियोजना कार्यालय में सालों से सुपरवाइजरों का तबादला नहीं

(शशि कोन्हेर) : लखनपुर- (सरगुजा) एकीकृत महिला बाल विकास परियोजना कार्यालय में सेक्टर सुपरवाइजर तथा बाबूओं का साम्राज्य लम्बे समय से बरकरार है। यदि  जिक्र किया जाये तो  तकरीबन 9-10 परियोजना अधिकारीयों का अन्यत्र स्थानांतरण होने के बाद भी कार्यालय परियोजना में पदस्थ सेक्टर सुपरवाइजर बाबूओं का तबादला नहीं हो सका। ऐसा महसूस होता है कि परियोजना कार्यालय में कई सालों से विराजमान इन सेक्टर सुपरवाइजर तथा बाबूओं पर शासन प्रशासन कुछ ज्यादा ही मेहरबान है ।

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जिससे इनकी मनमानी दिन -ब- दिन बढ़ने लगा है। सूरते हाल ऐसा है कि  निगरानी नियंत्रण के अभाव में अधिकांश आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका केंद्र से नदारद रहते हैं जिससे आंगनबाड़ी केंद्र अक्सर बंद रहता हैं।

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लोगों के बताये मुताबिक ब्लाक मुख्यालय के सरहदी वनांचल ग्रामों  या फिर पंचायतों के उन मुहल्ले टोले में संचालित  आंगनबाड़ी केंद्र जहां सेक्टर सुपरवाइजरों का दखल नहीं होता अक्सर  किसी न किसी बहाने बंद रहते हैं। इस तरह के मनमाने रवैया से आंगनबाड़ी हितग्राही छोटे मासूम बच्चों गर्भवती, धात्री महिलाओं को शासन  से निर्धारित मीनू के अनुसार मिलने वाली पोषाहार, गरम भोजन, अंडा अन्य दूसरे सुविधाओ का लाभ नहीं मिल पाता। आ0 बा0 केन्द्रो मे अव्यवस्था पसरी हुई है ।
वेतन लाभ लेने वाले सेक्टर सुपरवाइजर  अपने फर्ज को अंजाम देने में नाकामयाब साबित रहे हैं

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परियोजना कार्यालय में कुंडली मारे बैठे बाबूओं का अपना अलग अंदाज है बिल व्हाचर बनाने के आड़ में कमिशन खोरी में संलिप्त हैं। सेक्टरों का हाल बद से बद्तर हो गई है। दिलचस्प बात है कि इन सुपरवाइजर तथा बाबूओं को शासन प्रशासन का वरदहस्त प्राप्त है। जिससे अंगद के पांव की तरह एक ही कार्यालय में डटे हुए हैं। बहरहाल क्षेत्र के लोगों ने इनके तबादले की मंशा जाहिर किया है ताकि आंगनबाड़ी केंद्रों के लचर व्यवस्था में बदलाव आ सके। आंगनबाड़ी केंद्र सुचारू रूप से संचालित हो

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