अम्बिकापुर

कहीं शिक्षक नदारद तो कहीं बच्चों से कराया जा रहा डेक्स बेंच उतरवाने का कार्य…..


(मुन्ना पाण्डेय) : लखनपुर (सरगुजा) – प्रदेश सरकार बेहिसाब शासकीय राशि खर्च कर शिक्षा स्तर को ऊंचा उठाने हर संभव प्रयास कर रही है। शिक्षा पद्धति में स्वामी आत्मानंद स्कूल खोलने जैसा नया अध्याय जोड़ा गया है। शिक्षा स्तर ऊंचा उठाते हुए स्कूल विद्यालयों में छात्रों का भविष्य गड़ा जा रहा है। वहीं दूसरी ओर ग्रामीण वनांचल क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षा का हाल बेहाल है। स्कूलों में बच्चों का भविष्य अंधकार मे है। लिहाज़ा बच्चों को बेहतर माहौल के बीच शिक्षा देने के तमाम दावे खोखले साबित होते दिख रहे हैं। कहीं स्कूलों से शिक्षक नदारद है तो कहीं शिक्षकों द्वारा बच्चों से साफ सफाई, टेबल बेंच उतरवाने का कार्य कराया जा रहा है। ऐसे में मासूम बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के सभी सरकारी दावे कागज़ी ही नहीं अपितु नाकाम साबित हो रहे हैं। दूरस्थ ग्रामीण इलाकों के स्कूलों का सूरतेहाल ऐसा है कि स्कूलों में विराजमान शिक्षक केवल वेतन एवं समय लाभ ले रहे हैं। ऐसा ही हालात जंप क्षेत्र के वनांचल ग्राम कुन्नी प्राथमिक शाला एवं ग्राम आमापानी का प्रकाश में आया है। दरहकीकत कुन्नी प्राथमिक शाला में शिक्षकों द्वारा 2 दिसंबर दिन शुक्रवार को दोपहर लगभग 2 बजे स्कूली बच्चों से पढ़ाई के बजाय सप्लाई वाहन से डेस्क बेंच उतरवाने का कार्य कराया जा रहा था। मौके में मीडिया कर्मी इस पूरे मंजर को कैमरे में कैद कर रहे थे शिक्षिका के संज्ञान में आते ही उन्होंने बच्चों को वापस स्कूल कक्षा में भेज दिया । वही दूसरा मामला ग्रामपंचायत बेलदगी के आश्रित ग्राम आमापानी माध्यमिक शाला का है। जहां सरकार विशेष आरक्षित जनजातियों को बेशिक तौर पर बेहतर शिक्षा देने स्कूल खुला तो है परन्तु स्कूल में पदस्थ शिक्षक और भृत्त्य के आये दिन स्कूल से नदारद रहने कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही हैं। साक्ष्य है तारीख 30 नवंबर दिन बुधवार दोपहर लगभग 3 बजे माध्यमिक शाला के शिक्षक के समय पूर्व स्कूल से चले जाने कारण स्कूली बच्चे स्कूल के मुख्य गेट में ताला लगाकर घर लौट गये। जब मीडिया कर्मियों ने स्कूल में अध्ययनरत कक्षा आठवीं के एक छात्र से वजह जानना चाहा तो छात्र ने बताया कि शिक्षक स्कूल आए हुए थे परन्तु किसी कार्य वश लखनपुर गए हुए हैं। स्कूल में पढ़ाने वाला कोई शिक्षक नहीं है इसलिए दोपहर 3:00 बजे स्कूल के मुख्य गेट में ताला लगाकर हम भी घर जा रहे हैं। इस परिदृश्य से विकास खण्ड लखनपुर में शिक्षा व्यवस्था की पोल खुलती नजर आ रही है। इसका मूल कारण है नियमित रूप से शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा स्कूलों का निगरानी निरीक्षण नहीं किया जाना । जिससे स्कूलों में ऐसी लचर व्यवस्था बनी हुई है। जन चर्चा है कि कभी कभार शिकायत होने पर अधिकारियों द्वारा ऐसे लापरवाह गैरजिम्मेदार शिक्षकों को नोटिस देकर कार्यवाही के नाम पर महज खानापूर्ति कर दिया जाता हैं। सही मायने में यह कारवाही दिखावा होता हैं जबकि लापरवाह शिक्षकों के उपर व्यवस्था सुधार के नाम पर ठोस कार्यवाही होनी चाहिए। बहरहाल देखने वाली बात होगी कि क्या वाकई शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त हो पाएगी या इसकी दशा ज्यों की त्यों बनी रहेगी।

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बयान —–खंड शिक्षा अधिकारी
सूरज प्रताप सिंह ने कहा कि मुझे इस बारे में जानकारी नहीं थी संबंधित प्रधान पाठकों को नोटिस जारी किया जाएगा। क्षेत्र बड़ा होने के कारण सभी जगह एक समय पर पहुंच पाना मुश्किल है। नियमित रूप से निरीक्षण किया जाता है। नियम विरुद्ध तरीके से कार्य करने वाले शिक्षकों को नोटिस जारी करते हुए अवैतनिक किये जाने कारवाही की जायेगी

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