छत्तीसगढ़

राज्यपाल से स्कूली बच्चों ने कहा- हम भी गवर्नर बनेंगे…..

Advertisement


Advertisement
Advertisement

(शशि कोन्हेर) :रायपुर – राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से आज स्कूली बच्चों ने मुलाकात कर उनकी संघर्ष यात्रा के बारे में जाना। राज्यपाल ने विद्यार्थियों की उत्सुकता का समाधान किया। सारे विद्यार्थी उमंग से भर उठे और कहा कि ‘हम भी एक दिन गवर्नर बनना चाहेंगे।’ राज्यपाल ने कहा कि वे उनके स्कूल जाएंगी और शिक्षक के रूप में क्लास लेंगी और अपने जीवन के अनुभव साझा करेंगी। उन्हें विश्वास है कि आज उपस्थित बच्चों में से कई बच्चे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान पर पहुंचेंगे। राज्यपाल ने आशा व्यक्त की कि उस समय भी मुझे याद रखेंगे। यह वाकया था, जब रेयान इंटरनेशनल स्कूल के हायर सेकेण्डरी विद्यार्थी, राज्यपाल से राजभवन में सौजन्य मुलाकात कर रहे थे।
राज्यपाल ने बच्चों से कहा कि जीवन में एक लक्ष्य निर्धारित करें और आत्मविश्वास बनाएं रखें, मेहनत करें, सफलता अवश्य मिलेगी। यदि किसी कारण से असफलता हासिल होती है तो हिम्मत न हारें। परीक्षा में प्राप्त किए नंबर किसी की सफलता का मानक नहीं होते। यदि किसी कारण से नंबर कम आते हैं तो निराश न हों। आप लगन से कार्य करते रहें। कई बार कम नंबर पाने वाले विद्यार्थी भी उच्चतम शिखर तक पहंुचते हैं। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि कि वे एक सामान्य परिवार से थी। एक बार वे सातवीं कक्षा में अनुतीर्ण हो गई थी, पर उन्होंने दोबारा प्रयास किया और आठवीं बोर्ड में प्रावीण्य सूची में भी स्थान बनाया। उन्होंने कहा कि जीवन में किताबी ज्ञान ही पर्याप्त नहीं होता है, व्यावहारिक ज्ञान और संस्कार की सीख भी होनी चाहिए। जीवन में जब हम आगे बढ़ते हैं तो व्यावहारिक ज्ञान ही काम आता है। हमें अच्छी, प्रेरणादायी और महापुरूषों के जीवन पर आधारित किताबें पढ़नी चाहिए। मैं भी स्वयं भी ऐसी किताबें पढ़ती थीं, मुझे उनके जीवन के पहलुओं से सीखने को मिला, जो मुझे जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती रही।

Advertisement

उन्होंने अपने प्रारंभिक जीवन के बारे में बताते हुए कहा कि उस समय लड़कियों के समक्ष कई चुनौतियां थी, परन्तु उनका मजबूती से सामना किया। जीवन में किसी भी स्थान पर हो, यात्रा कर रहे हों या संकट की स्थिति हो, आत्मविश्वास बनाए रखें। कोई भी आपको नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा। उन्होंने कहा कि वे जब राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य थीं तो देश के विभिन्न स्थानों का भ्रमण किया और महिलाओं की स्थिति से संबंधित प्रतिवेदन बनाया। घरेलू हिंसा रोकने एवं दहेजरोधी कानून के संबंध में कुछ सुझाव भी दिए। महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी के लिए अभियान भी चलाया। राष्ट्रीय जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष के रूप में भी उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्य किए।

Advertisement


राज्यपाल ने विद्यार्थियों को राज्यपाल पद का महत्व और अधिकारों की जानकारी दी और बताया कि राज्यपाल किसी भी राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है, जिस पर यह जिम्मेदारी होती है कि राज्य में संविधान के अनुरूप नीतियों और नियम-कानून का क्रियान्वयन हो। वे समय-समय पर मुख्यमंत्री, मंत्रीगण तथा शासन का मार्गदर्शन भी करती हैं। सुश्री उइके ने कहा कि उन्होंने जब राज्यपाल पद का दायित्व संभाला, तब यह प्रयास किया कि राज्यपाल की लार्ड गवर्नर वाले व्हीव्हीआईपी की अवधारणा समाप्त हो। वे लोगों से निरंतर मुलाकात कर दुख-दर्द जानने का और समाधान करने का प्रयास करती रही। जब एक राज्यपाल लोगों की जनभावनाओं को अच्छे से समझेगा, तभी वह राज्य के विकास में अधिक से अधिक योगदान दे सकेगा। इस अवसर पर शिक्षकों और विद्यार्थियों के प्रतिनिधिमण्डल ने शाल और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान करते हुए विद्या का पौधा भेंट की।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button