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1994 में हुआ नाबालिग से दुष्कर्म…26 साल बाद दर्ज हुआ मामला…डीएनए से हुई तस्दीक… और अब 27 साल बाद..!

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दुष्कर्म के आरोप में 28 साल बाद सगे भाइयों पर मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। बुधवार को मुख्य आरोपित व महिला के बेटे की डीएनए रिपोर्ट पाजिटिव आई हैं, जिसके बाद पुलिस ने नामजद की गिरफ्तारी के लिए दबिश देना शुरू कर दी है।

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लखनऊ के इंद्रानगर थाना क्षेत्र की एक महिला ने चार मार्च 2021 को सदर बाजार थाने में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें महिला ने बताया कि 1994 में जब वह 13 वर्ष की थी। तब सदर क्षेत्र में एक मुहल्ले में रहने वाले अपने बहन व बहनोई के पास रहती थी। बहनोई प्राइवेट नौकरी करते थे, जबकि बहन स्कूल में पढ़ाती थीं। घर पर जब वह अकेली होती थी मामूड़ी मुहल्ला निवासी ट्रक ड्राइवर व उसका भाई अक्सर घर में आ जाते थे। 1994 से 1995 के बीच उन दोनों ने उसके साथ कई बार डरा-धमकाकर दुष्कर्म किया, जिससे वह गर्भवती हो गई। जब इस बारे में स्वजन को पता चला तो आरोपियों के घर जाकर शिकायत की, लेकिन उन लोगों ने भगा दिया। गर्भपात कराने के लिए डाक्टर के पास ले गए, लेकिन कम उम्र में जान का खतरा बताते हुए डाक्टर ने इनकार कर दिया। इस बीच बहनोई का तबादला रामपुर हो गया। वह भी उनके साथ वहां चली गई। जहां बच्चे को जन्म दिया।

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स्वजन के दबाव में बच्चे को हरदोई जिले के एक दंपती को गोद दे दिया। वर्ष 2000 में युवती की गाजीपुर जिले में शादी हो गई। लेकिन कुछ समय बाद उसके पति को अतीत में हुई घटना के बारे में पता चल गया, जिस पर उसे तलाक दे दिया। महिला ने बताया कि वह लखनऊ अपने माता पिता के पास आकर रहने लगी। इस बीच उसका बेटा भी बड़ा हो गया। उसे पता चल गया कि जिन लोगों को अपना माता पिता समझता है वे उसके असली अभिभावक नहीं हैं। उसके पूछने पर जब ज्यादा पूछा तो उन लाेगों ने मां के बारे में बता दिया।

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