बिलासपुर

प्रो. पी डी खेरा जी की स्मृति में अध्ययन केंद खोला जावे…चन्द्र प्रदीप बाजपेयी (जंगल मितान)

Advertisement

(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर – 23 सितम्बर प्रो प्रभुदत्त खेरा की चतुर्थ पुण्यतिथि पर जंगल मितान छतीसगढ़ के अध्यक्ष, अखिलेश चन्द्र प्रदीप बाजपेयी ने अपनी श्रद्धांजलि देते हुए,छतीसगढ़ शासन से यह मांग की कि स्वर्गीय खेरा जी की याद में एक अध्ययन पीठ की स्थापना अटल बिहारी विश्वविद्यालय बिलासपुर में की जावे।

Advertisement
Advertisement

बाजपेयी ने कहा कि उक्त अध्ययन पीठ की स्थापना की जाती है तो जनजातीय संस्कृति के अध्ययन के लिए एक उपयुक्त संरचना का निर्माण हो सकेगा।,जिसका उपयोग विद्यार्थी,शोधार्थी और शिक्षाविद कर सकेंगे,यह प्रोफेसर खेरा जी के शिक्षा के छेत्र में दिए गए अमर योगदान को सहेज कर रखने में सहायक सिद्ध होगा,जनजाति संस्कृति के अध्ययन के लिए खास कर बैगा जनजाति के लोगों में शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले प्रो खेरा दिल्ली वाले साहब,1928 में लाहौर में जन्मे थे,उनका परिवार पाकिस्तान से भारत आ गया था।

Advertisement

दिल्ली में रह कर पढ़ाई की। गणित में एम एस सी व समाज शास्त्र में एम ए कर पी एच डी कर दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर बने। 1983 में पहली बार समाजशास्त्र के विद्यार्थियों की टीम लेकर हमारे लमनी छपरवा अचानकमार बैगा आदिवासियों पर अध्ययन करने आये थे। फिर दिल्ली से यहां लगातार आना जाना शुरू हुआ। बस खेरा जी उन आदिवासी बच्चों के होकर लमनी में अपनी कुटिया बना कर रह गए।

Advertisement
Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button