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प्रियंका गांधी ने बताया- शिमला के मशोबरा में क्यों घर बनाया, क्या है इंदिरा गांधी से कनेक्शन?

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(शशि कोन्हेर) : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को हिमाचल के सोलन में कांग्रेस की पहली ‘परिवर्तन प्रतिज्ञा’ रैली को संबोधित किया. इस दौरान प्रियंका ने राज्य की बीजेपी सरकार पर हमला किया और सवाल उठाए. इसके साथ ही प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर बड़े वादे भी किए. प्रियंका ने खुद को हिमाचल से जोड़ा और यहां अपने घर बनाने के पीछे का किस्सा सुनाया. जनसभा में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी याद किया.

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प्रियंका गांधी ने कहा कि आपको अपने भविष्य के बारे में सोचना चाहिए. बीजेपी के पास पेंशन के लिए पैसे नहीं हैं लेकिन वे अपने बड़े कारोबारियों का कर्ज माफ कर सकते हैं. उनके पास युवाओं, कर्मचारियों और महिलाओं के लिए कुछ नहीं है. पिछले 5 साल से सरकारी पद खाली पड़े हैं. मैं आज आपको गारंटी दे रही हूं कि यहां सरकार बनाने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में दो बड़े फैसले लिए जाएंगे. पहला- एक लाख सरकारी नौकरी देना और दूसरा- पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लागू करना.

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प्रियंका ने कहा कि इंदिराजी का हिमाचल प्रदेश से बहुत लगाव था. उनका यहां के पहाड़ों के साथ एक आध्यात्मिक जुड़ाव था. इंदिराजी ने शहीद होने से पहले अपने परिवार के सदस्यों को एक पत्र लिखकर कहा था कि मेरी अस्थियां सिर्फ संगम में विसर्जित नहीं करना, बल्कि उसका कुछ हिस्सा हिमालय के पर्वतों पर भी बिखेर देना. उनके शहीद होने के बाद मेरे पिताजी ने उनकी इच्छी पूरी की. ये जो हिमालय के पर्वत यहां से दिखते हैं, जब आपको इन पर बर्फ दिखती है तो उस बर्फ में घुली हुई इंदिराजी की अस्थियां भी होती हैं.

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हिमाचल में घर बनवाना चाहती थीं इंदिराजी

प्रियंका ने आगे कहा- मैंने जब मशोबरा में घर बनाया तो सिर्फ इसलिए बनाया, क्योंकि इंदिराजी की एक छोटी-सी निजी ख्वाहिश थी. वे रिटायरमेंट के बाद मशोबरा में एक घर बनाना चाहती थीं, लेकिन रिटायर होने से पहले ही वह शहीद हो गईं. इंदिरा जी बताती थीं कि 25 जनवरी 1971 में जब हिमाचल प्रदेश बना, तब वे आप सभी से बातचीत करने आई थीं. उस वक्त यहां भारी बर्फबारी हुई. सभा के दौरान भी बर्फ गिरी, लेकिन ना आप हिले और ना इंदिराजी. उन्होंने हिमाचल को प्रदेश इसलिए बनाया, क्योंकि वो आपके हुनर को, आपकी हिम्मत को, आपके हौसले को पहचानती थीं.

रैली की शुरुआत मां शूलिनी की जयकार से की

रैली को संबोधित करने से पहले प्रियंका ने मां शूलिनी के दर्शन किए. उन्होंने कहा कि यहां आने से पहले मैं माता शूलिनी के मंदिर गई, इसीलिए सभा को सबसे पहले हम शूलिनी माता की जय बोलकर शुरू करते हैं. इसके अलावा, प्रियंका ने रास्ते में अचानक काफिला रोका और पुरानी पेंशन के लिए धरना दे रहे कर्मचारियों से मुलाकात की. यहां प्रियंका ने कहा कि सरकार बनने के 10 दिन के भीतर हिमाचल में पुरानी पेंशन लागू की जाएगी.

रैली में प्रियंका की बड़ी बातें…
– इंदिराजी अक्सर कहती थीं कि आपका हिम, आपकी हिम्मत, आपका हौसला पहाड़ जैसा विशाल है. जब हिमाचल प्रदेश बना, तो उन्होंने शुरुआत की. शिमला में आकर सभा में ऐलान किया कि ये प्रदेश बनेगा. बहुत लोगों ने आलोचना की, उसमें से कई ऐसे नेता हैं, जो भाजपा में भी हैं. उस समय बहुत आलोचना हुई थी कि ये प्रदेश बना तो दिया इन्होंने, ये चलेगा कैसे? पैसा कहां से आएगा? आगे कैसे बढ़ेगा? लेकिन इंदिरा जी पीछे नहीं हटीं, वो इसलिए पीछे नहीं हटीं, क्योंकि वो आपके हौसले को, आपके हुनर को पहचानती थीं, उसका सम्मान करती थीं.


– आज ये चुनावी सभा नहीं है, ये एक सोचने का समय है, मंथन करने का समय है कि ये प्रदेश, जो आपने बनाया, आगे चलकर इसका क्या होगा? जिन लोगों की मेहनत के बल पर आज इस प्रदेश में एक इंफ्रास्ट्रक्चर है, हेल्थ केयर की कुछ सुविधाएं हैं, सड़कें बनीं, विकास हुआ, ये आप सबने किया, तो आपके भविष्य का क्या होगा? ये समय है कि आप इसके बारे में सोचें.
– अगर आप देखें, तो ये पांच साल जो बीते हैं, उसमें भाजपा की सरकार ने आपके लिए क्या किया? ये मैं इसलिए नहीं कह रही हूं कि ये चुनाव हैं तो आलोचना करनी है. हम इस तरफ हैं, वो उस तरफ हैं, तो हां उनकी बुराई करनी है, नहीं. मैं एक वास्तविकता आपको बताना चाहती हूं.
– कर्मचारियों को लीजिए. आपके प्रदेश में करीब 2 लाख कर्मचारी हैं. आज कहां हैं? धरने पर बैठे हैं. महीनों से धरने पर बैठे हैं. सरकार का एक प्रतिनिधि नहीं आया. आप धरने पर क्यों बैठे हैं, मैंने पूछा. अभी यहां आने से पहले मैं रुकी थी, उनसे बातचीत की, क्योंकि उनको पेंशन नहीं मिल रही है. ये पेंशन किसने हटवाई- भाजपा की केंद्र सरकार ने हटवाई. जब पुरानी पेंशन को देने की बात होती है तो क्या जवाब मिलता है. कहते हैं- पैसा ही नहीं है.
– ये कहते हैं- इकॉनमी खराब हो जाएगी. आपके पास कर्मचारियों की पेंशन के लिए पैसा नहीं है, लेकिन जो आपके बड़े-बड़े उद्योगपति मित्र हैं, उनके लोन आप माफ कर देते हैं. उनको तमाम पीएसयू पकड़ा देते हैं. उनको कोल्ड स्टोरेज दिलवा देते हैं.

अब युवाओं की बात करते हैं. 63 हजार से ज्यादा सरकारी पद खाली पड़े हुए हैं. 5 सालों से खाली हैं, भरे नहीं जा रहे हैं. नौजवान बेरोजगार है, यहां पर बहुत सारे पढ़े-लिखे नौजवान हैं. लेकिन वे उम्मीद ही नहीं कर सकतीं कि उनको नौकरी मिलेगी, तो कैसी सरकार है ये? न महिलाओं के लिए कुछ है, न युवाओं के लिए है, न कर्मचारियों के लिए है.


– प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनी तो सबसे पहले एक लाख सरकारी नौकरियों के पद भरे जाएंगे. कुल मिलाकर 5 लाख रोजगार मिलेंगे, जिसमें से एक लाख रोजगार पहले मंत्रिमंडल की बैठक में तय किए जाएंगे और उसकी घोषणा होगी.


-दूसरी चीज, ये जो ओपीएस (Old Pension Scheme) है, पुरानी पेंशन, वो भी उसी मंत्रिमंडल की बैठक में तय किया जाएगा और आपके सामने लाएंगे और आपको वापस मिलेगा. इस प्रदेश के जो 2 लाख कर्मचारी हैं, उनको उनका हक मिलेगा, क्योंकि ये उनका हक है, उनका अधिकार है, जो उनसे छीना गया है.

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