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कमीशन बढ़ाने की मांग को लेकर पेट्रोल पंप मालिक हड़ताल पर.. देश के 6500 पेट्रोल पंप बंद रहेंगे

(शशि कोन्हेर) : देश के विभिन्न हिस्सों में लोगों को डीजल और पेट्रोल भरवाने में 2 दिन मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल डीजल और पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने के हालिया फैसले का देश भर के पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन विरोध कर रहे हैं. पेट्रोलियम डीलर्स इस कारण विरोध में आज सरकारी कंपनियों से डीजल-पेट्रोल नहीं खरीदेंगे. कई जगहों पर पेट्रोल पंपों ने आज डीजल-पेट्रोल नहीं बेचने का भी निर्णय लिया है.

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इन राज्यों में होगा असर

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इस विरोध में 24 राज्यों के करीब 70 हजार पेट्रोल पंप हिस्सा ले रहे हैं. ये सारे पेट्रोल पंप 31 मई को सरकारी कंपनियों से डीजल और पेट्रोल नहीं खरीदने वाले हैं. इसमें तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, बिहार, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा और सिक्किम के पेट्रोल पंप ऑपरेटर पूरी तरह से हिस्सा ले रहे हैं. वहीं पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में कुछ पेट्रोल पंपों ने इस विरोध से दूर रहने का फैसला किया है.

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इस राज्य में बंद रहेंगे सारे पंप

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देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो आज करीब 400 पेट्रोल पंप डीजल-पेट्रोल नहीं खरीदने वाले हैं. महाराष्ट्र में लोगों को ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि राज्य के करीब 6,500 पेट्रोल पंपों ने आज सरकारी कंपनियों से डीजल-पेट्रोल नहीं खरीदने के साथ ही आम लोगों को खुदरा बिक्री भी नहीं करने का ऐलान किया है. फेडरेशन ऑफ ऑल महाराष्ट्र पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन का कहना है कि 2017 के बाद से कमीशन को एक पैसा भी नहीं बढ़ाया गया है. इसके अलावा केंद्र सरकार ने टैक्स अचानक कम कर दिया, जिसके चलते महाराष्ट्र के पेट्रोल पंपों को 300 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है.

ये है पेट्रोल पंपों की मांग

पेट्रोलियम डीलर्स सरकार से कमीशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. डीलर्स का कहना है कि डीजल और पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी में अचानक कटौती करने से उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है. सरकार ने जैसे ही ड्यूटी कम की, डीजल और पेट्रोल दोनों की खुदरा कीमतें एक झटके में कम हो गईं. डीलर्स का कहना है कि उन्होंने एक दिन पहले अधिक कीमत पर डीजल और पेट्रोल का स्टॉक खरीदा था. ड्यूटी में कमी के बाद उन्हें कम भाव पर बेचना पड़ गया. इसके अलावा डीलर्स ये भी कह रहे हैं कि साल 2017 के बाद मार्जिन में कोई बदलाव नहीं किया गया है, इससे भी उन्हें नुकसान हो रहा है.

अभी इतना है कमीशन

अभी पेट्रोल पंपों को प्रति लीटर पेट्रोल पर 2.90 रुपये का और डीजल पर 1.85 रुपये का कमीशन मिलता है. साल 2017 में कमीशन को 01 रुपये बढ़ाया गया था. हालांकि इस बारे में डीलर्स का कहना है कि उस 01 रुपये में भी सरकारी तेल कंपनियों ने लाइसेंस फीस के नाम पर 40 पैसे ले लिए थे. उन्होंने कहा कि पिछले 5 साल में बैंक चार्ज, बिजली बिल, सैलरी जैसे खर्चे कई गुना बढ़े हैं. कुल मिलाकर देखें तो 5 साल में बिजनेस चलाने के लिए जरूरी पूंजी डबल हो गई है, लेकिन कमीशन में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

एक झटके में लगा लाखों का चूना

डीलर्स ने बताया कि डीजल-पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी में हालिया कटौती से हर पेट्रोल पंप को 3 लाख से 15 लाख रुपये तक का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि सरकार को एक झटके में एक्साइज ड्यूटी कम करने के बजाय इन्हें धीरे-धीरे कम करना चाहिए, इससे पेट्रोल पंप चलाने वालों को कम नुकसान होगा. पेट्रोल पंप अगर मंगलवार को स्टॉक नहीं खरीदते हैं तो कई पेट्रोल पंप अगले दिन बुधवार को सूखे रह सकते हैं. हालांकि दिल्ली के डीलर्स एसोसिएशन का कहना है कि लोगों को दिक्कतें नहीं होंगी, क्योंकि पेट्रोल पंपों के पास 2 दिन का स्टॉक रहता है.

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