विहिप की मांग पर प्रशासन ज्ञापन लेने मौके पर आया…..
(दिलीप जगवानी) : बिलासपुर – मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश में धरना दे रहे हैं और उनके छत्तीसगढ़ में हिन्दू धर्म विरोधी गतिविधियां चलाई जा रही है। इसके साथ ही सभा मे उन्हें नसीहत दी गई कि वे प्रदेश में सक्रिय सम्प्रदाय विरोधी ताकतों को उखाड़ फेंके। ये थी बात सभा स्थल की। अब बाहर का नजारा आपको बताएं। विहिप की मांग पर जिला प्रशासन ने उसे किसी भी तरह के सभा या रैली की अनुमति नही दी। कवर्धा में साम्प्रदायिक हिंसा से सबक लेकर कलेक्टर ने इससे न केवल इनकार किया बल्कि ऐसी गतिविधि पर रोक लगाने पुलिस विभाग से बल तैनात करने कह दिया। मंगलवार दोपहर में छत्तीसगढ़ स्कूल मैदान पर विहिप के धर्म सभा मे बढ़ती भीड़ देख कर पुलिस अधीक्षक ने जेल तिराहा और बृहस्पति बाजार की तरफ सड़क पूरी तरह ब्लॉक कर दी। दोपहर डेढ बजे के बाद लोगों की इस तरफ से आवाजाही पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया। जिला प्रशासन और पुलिस महकमे ने शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने की गरज से किसी तरह के धार्मिक रैली, सभा और आयोजन को मंजूरी नही दी। पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार झा खुद भी यहां काफी देर तक डटे रहे।
दोपहर दो बजे तक हिन्दू समर्थक और विहिप बजरंग दल के सदस्य स्कूल मैदान में खासी संख्या में एकजुट हो चुके थे। बाहर सड़क पर कानून व्यवस्था के पहरेदार भी मुस्तैद थे। दोपहर करीब पौने तीन बजे विहिप की मांग पर बिलासपुर एसडीएम के साथ अतिरिक्त कलेक्टर जयश्री जैन मौके पर पहुची। विहिप के पदाधिकारियों डॉ ललित माखीजा, डॉ विनोद तिवारी और डॉ बैजेन्द्र शुक्ला ने यहां उन्हें मांग पत्र सौंपा। इस पर एसडीएम पुलक भटटाचार्य ने लोगों की धार्मिक भावनाओं के अनुरूप उन्हें प्रशासनिक स्तर पर उचित कदम उठाने का भरोसा दिलाया।
इधर चाहकर भी हिन्दू संगठन आयोजन को राजनीतिक रंग देने से नही रोक सके। भाजपा नेताओ की उपस्थिति में पार्टी कार्यकर्ताओं की राजनीति से प्रेरित नारेबाजी उस पर भी रह रहकर जयश्री राम का नारे सुनकर आते जाते लोग अच्छी तरह समझ रहे थे। बहरहाल घटनाक्रम तीन घंटे चला जो अपने राज्यपाल के नाम ज्ञापन पर जाकर समाप्त हुआ।