बिलासपुर

अब हाईकोर्ट में होगी वर्चुअल सुनवाई…..


छत्तीसगढ़ में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए एक बार फिर हाईकोर्ट को बंद करने का निर्णय लिया गया है। 11 जनवरी से हाईकोर्ट में अब मामलों की वर्चुअल सुनवाई होगी। हाईकोर्ट परिसर में भीड़ नियंत्रित करने के लिए अब वकीलों का प्रवेश भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। सिर्फ आवश्यक होने पर ही वकील सीमित संख्या में हाईकोर्ट जा सकेंगे। इसी तरह निचली अदालतों में भी मामलों की सुनवाई के लिए भी हाईकोर्ट ने गाइडलाइन जारी किया है। फिलहाल, यह व्यवस्था 11 से 31 जनवरी तक रहेगी।

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बिलासपुर हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस की ओर से सुनवाई के लिए अलग-अलग बेंच निर्धारित की जाएगी। हालांकि, अभी इसके लिए रोस्टर तय नहीं किया गया है। हाईकोर्ट परिसर में काउंटर के माध्यम से नई फाइलिंग यानी नई याचिकाएं और अपील दायर की जा सकेंगी। किसी विशेष बेंच के समक्ष सूचीबद्ध होने वाले मामलों की संख्या संबंधित बेंच की ओर से ही तय होगी। मामले की तत्काल सूची के लिए उल्लेख पर्ची न्यायिक रजिस्ट्रार के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। हाईकोर्ट ने भीड़ से बचने के लिए अधिवक्ताओं से भी अपील की है। रजिस्ट्रार जनरल की ओर से कहा गया है कि अधिवक्ता कोर्ट परिसर में तभी आएं, जब उन्हें याचिकाएं लगानी हो या फिर या उनका कोई मामला किसी कोर्ट में सूचीबद्ध हो। वहीं अधिकारियों और कर्मचारियों की भी न्यूनतम संख्या रखने के आदेश दिए गए हैं। हालांकि संख्या और जरूरत को देखते हुए इसका निर्णय अनुभाग और प्रशासन के प्रमुख करेंगे।

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राज्य में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए हाईकोर्ट के साथ ही अधीनस्थ न्यायालयों के कामकाज के संबंध में गाइडलाइन जारी किया गया है। लोवर कोर्ट में रिमांड और जमानत मामले, सुपुर्दनामा प्रकरण, अपील और संशोधन (दोनों सिविल और आपराधिक), जमा राशि के भुगतान से संबंधित मामले, मोटर दुर्घटना दावा मामलों के साथ ही कोर्ट की ओर से तय जरूरी प्रकरणों की ही सुनवाई होगी। कोर्ट में मामलों की सुनवाई के दौरान संबंधित पक्षकार के वकील ही प्रवेश कर सकेंगे।

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कोर्ट परिसर में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति के साथ ही वकीलों को भी मास्क पहनना जरूरी होगा। इसके साथ ही उन्हें फिजिकल डिस्टेंसिंग और सैनिटाजर का भी उपयोग करना होगा।

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हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने आदेश में स्पष्ट किया है कि किसी भी अधिकारी और कर्मचारी को बिना पूर्व अनुमति के मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसका उल्लंघन करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा मुख्यालय के बाहर आवाजाही की भी अनुमति नहीं होगी।
न्यायालय अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से और CCTV कैमरे के माध्यम से भी परिसर में उचित सेनिटाइजेशन, थर्मल स्क्रीनिंग, मास्किंग आदि की देखभाल करने का निर्देश दिया जाता है। रजिस्ट्रार जनरल ने जिम्मेदार अधिकारी को मॉनिटरिंग कर व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं।

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